…पर हरिद्वार के रुड़की के दमकलकर्मी बाज के लिए बने देवदूत और बचा ली बेजुबान की जान
मांझे की चपेट में आकर घायल हो गया बाज, दमकल कर्मचारियों ने वन विभाग के सुपुर्द किया
बेबाक दुनिया ब्यूरो
देहरादून। चीनी मांझे मनुष्यों के लिए ही नहीं जानलेवा साबित हो रहे हैं, बल्कि बेजुबान भी जानलेवा मांझे की चपेट में आकर अपनी जान गंवा रहे हैं, लेकिन बेजुबानों के लिए कोई न कोई देवदूत भी बन जाता है।

ऐसा ही एक वाक्या हरिद्वार जिले के रुड़की क्षेत्र में बुधवार को महाशिवरात्रि के पवित्र दिन देखने को मिला, जब दमकलकर्मी एक बेजुबान बाज के लिए देवदूत बन गए और तकरीबन डेढ़ सौ फीट ऊंचे पीपल के पेड़ में चढ़कर जख्मी बाज को नीचे उतारा और पानी पिलाकर वन विभाग के सुपुर्द कर दिया। बुधवार की शाम रुड़की शहर स्थित जादूगर रोड पर विधायक प्रदीप बत्रा के आवास के बाहर पीपल के पुराने पेड़ पर करीब डेढ़ सौ फीट ऊपर एक बाज जानलेवा चीनी मांझे के चपेट में आकर फंसकर जख्मी होकर लटक गया।

पीपल के पेड़ पर चीनी मांझे में फंसकर घायल हालत में लटके बाज पर जब लोगों की नजर पड़ी तो सूचना दमकल विभाग को दी। सूचना के बाद दमकल विभाग की चार सदस्यीय टीम लंबी सीढ़ी, रस्सी और बचाव के अन्य साजो सामान के साथ मौके पर पहुंची और करीब डेढ़ सौ फीट ऊंचाई में फंसे बाज का रेस्क्यू शुरू किया। सबसे पहले एक जवान अपनी जान जोखिम में डालकर बेजुबान की जान बचाने के लिए प्लास्टिक की रस्सी के सहारे पीपल के पेड़ पर चढ़ा।

…और जवान रस्सी के सहारे उस जगह पहुंचा, जहां चीनी मांझे की चपेट में आकर घायल हुआ बाज तड़प रहा था। जवान ने बाज को सुरक्षित पकड़ा और थैले और रस्सी के सहारे नीचे पहुंचाया। इसके बाद खुद सुरक्षित नीचे उतरा। नीचे बाज को पानी पिलाकर दमकलकर्मियों ने वन विभाग को सौंप दिया। बाज का सुरक्षित रेस्क्यू करने वाली टीम में लीडिंग फायरमैन अतर सिंह राणा, चालक मोहन सिंह नेगी, फायरमैन हरिश्चंद्र राणा और शंकर कुमार थे।



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