
उत्तराखंड विधानसभा के बजट सत्र के चौथे दिन सख्त भू-कानून को मंजूरी, बाहरी खरीदारों पर कसेगी नकेल
कई मुद्दों पर सरकार और विपक्ष के बीच हुई विस्तार से चर्चा, कई मुद्दों पर धामी सरकार को विपक्ष ने घेरा
बेबाक दुनिया ब्यूरो
देहरादून। उत्तराखंड विधानसभा के बजट सत्र के चौथे दिन शुक्रवार को भू-कानून विधेयक को सदन ने मंजूरी प्रदान कर दी। इसके अलावा सदन से अन्य 10 विधेयकों को भी पास कराने में धामी सरकार सफल रही। उधर, सत्र के दौरान उप नेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी और अन्य कांग्रेसियों ने कंबल ओढ़कर प्रदर्शन किया।

उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश जमींदारी उन्मूलन और भूमि सुधार अधिनियम, 1950) (संशोधन) विधेयक, 2025 सदन के पटल पर संसदीय कार्यमंत्री ने रखा। इस पर विपक्ष ने चर्चा की मांग की, लेकिन इसे ध्वनमति से सदन ने पास कर दिया। भू-कानून के मुताबिक, अब प्रदेश के बाहर के व्यक्तियों को राज्य में जमीन खरीदने से पहले सब-रजिस्ट्रार को एक हलफनामा देना होगा, जिसमें उनके द्वारा पुष्टि की जाएगी कि न तो उन्होंने और न ही उनके परिवार ने आवासीय उद्देश्यों के लिए राज्य में कहीं और 250 वर्ग मीटर से अधिक जमीन खरीदी है।

संशोधित भू-कानून के पारित होने से भूमि कानूनों को काफी मजबूती मिलेगी। उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत और पर्यावरण सुरक्षा के उद्देश्य से संशोधन विधेयक पेश किया गया था। अब बाहरी लोग देवभूमि में खेती और हॉर्टिकल्चर के लिए जमीन नहीं खरीद सकेंगे। बीते दशक में उत्तराखंड में खेती-किसानी की जमीनें तेजी से अलग इस्तेमाल में आने लगी थीं, इसके बाद सख्त भू-कानून की मांग उठने लगी थी।

सख्त भू-कानून के कुछ बिंदु
●राज्य से बाहर के लोगों को जमीनों की खरीदारी के लिए अब डीएम अनुमति नहीं दे पाएंगे।
●प्रदेश में जमीन खरीद के लिए पोर्टल बनाया जाएगा, जिसमें राज्य के बाहर के लोगों की एक-एक इंच जमीन खरीद का भी ब्योरा दर्ज होगा।
●अब राज्य में साढ़े 12 एकड़ से अधिक जमीन खरीद की मंजूरी नहीं दी जाएगी।
●निकाय सीमा में तय भू उपयोग से हटकर जमीन के इस्तेमाल करने पर होगी सख्त कार्रवाई।
●पहाड़ों पर चकबंदी और बंदोबस्ती को तेजी से पूरा किया जाएगा।
●डीएम को राजस्व परिषद और राज्य शासन को सभी जमीनों की खरीद की रिपोर्ट नियमित रूप से देनी होगी।
●सरकार को भूमि खरीद-बिक्री पर अधिक नियंत्रण प्राप्त होगा, जिससे गड़बड़ियों पर रोक लगेगी।
●नियमों से हटकर किए गए इस्तेमाल पर जमीन सरकार में निहित की जाएगी।
●भूमि की कीमतों में अप्राकृतिक बढ़ोतरी पर नियंत्रण रहेगा और मूल निवासियों को भूमि खरीदने में सहूलियत होगी।
●पहाड़ी क्षेत्रों में भूमि का बेहतर प्रबंधन होगा, जिससे राज्य के निवासियों को अधिक लाभ मिलेगा।

ये विधेयक भी हुए पास
•नगर निकायों एवं प्राधिकरणों के लिए विशेष प्रावधान संशोधन विधेयक।
•उत्तराखंड निक्षेपक हित संरक्षण विधेयक 2025।
•विस में विधेयकों की पेंशन विधेयक।
•उत्तराखंड नीरसन विधेयक।
•उत्तराखंड नगर एवं ग्राम नियोजन और विकास संशोधन विधेयक।
•उत्तराखंड स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी विधेयक।
•स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के आश्रितों और पूर्व सैनिकों के लिए आरक्षण विधायक 2025।
•कुशल खिलाड़ियों के लिए क्षैतिज आरक्षण विधायक।
•उत्तराखंड प्राइवेट यूनिवर्सिटी बिल को सदन से हरी झंडी।
•उत्तराखंड माल और सेवा कर संशोधन विधेयक को भी हरी झंडी।

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