June 23, 2025

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समग्र शिक्षा के लिए केंद्र से 883 करोड़ की सौगात

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प्रदेश के शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत बोले, 307 विद्यालयों में स्मार्ट क्लास तो 165 में बनाई जाएंगी आईसीटी लैब

कहा, 244 स्कूलों में व्यावसायिक शिक्षा के प्रसार को भी मिला बजट, रावत ने जताया केंद्रीय शिक्षा मंत्री का आभार

बेबाक दुनिया ब्यूरो

देहरादून। उत्तराखंड को समग्र शिक्षा, पीएम-श्री और उल्लास योजना के तहत केंद्र सरकार ने 883 करोड़ रुपये का बजट मंजूर किया है। इस भारी भरकम राशि से 307 विद्यालयों में स्मार्ट क्लास, 165 में प्रयोगशालाएं बनाई जाएंगी।

244 स्कूलों में व्यावसायिक शिक्षा का प्रसार किया जाएगा। शुक्रवार को नई दिल्ली में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड की बैठक में वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए उत्तराखंड का यह बजट मंजूर किया गया है। बजट की स्वीकृति पर उत्तराखंड के शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का आभार जताते हुए बताया, राज्य में शिक्षा व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण, सुधारीकरण आदि के लिए केंद्र सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए समग्र शिक्षा परियोजना के तहत 883 करोड़ की धनराशि स्वीकृत कर दी है। साथ ही पीएमश्री योजना के तहत 100 करोड़ की धनराशि के अनुमोदन पर भी केंद्र ने सहमति प्रदान की।

बताया, बैठक में सचिव विद्यालयी शिक्षा रविनाथ रमन, परियोजना निदेशक समग्र शिक्षा झरना कमठान व उनकी टीम द्वारा राज्य में समग्र शिक्षा के तहत नवाचारी कार्यों का प्रस्ताव मजबूती से रखा, जिस पर बोर्ड ने 883 करोड़ की राशि स्वीकृत की। स्वीकृत राशि से राज्य में डिजिटल व व्यावसायिक शिक्षा पर फोकस किया जाएगा। इसके तहत 307 विद्यालयों में स्मार्ट क्लास, 165 में आईसीटी लैब और 102 विद्यालयों में कई प्रयोगशालाएं बनाई जाएंगी, जिनमें 43 प्रयोगशाला भौतिक विज्ञान, 37 जीव विज्ञान, 12 रसायन विज्ञान व 10 अन्य विज्ञान प्रयोगशालाएं शामिल हैं।

बताया, केंद्र सरकार द्वारा कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय कालसी एवं बनियावाला हाईस्कूल के इंटर स्तर पर उच्चीकरण, नेताजी सुभाष चंद्र बोस छात्रावास लालढ़ांग के नवीन भवन, नेताजी सुभाष चंद्र बोस छात्रावास बनियावाला के चाहरदीवारी के निर्माण की स्वीकृति दी है। प्रदेशभर के 87 कई विद्यालयों के भवन निर्माण, 200 अतिरिक्त कक्षा-कक्ष और 265 शौचालय के निर्माण के लिए भी धनराशि स्वीकृत की है।

बताया, बैठक में पहली बार राज्य की ओर से संस्कृत शिक्षा के अंतर्गत संचालित राजकीय एवं राजकीय सहायता प्राप्त विद्यालयों को केंद्रीय सहायता का प्रस्ताव रखा गया, जिस पर अप्रूवल बोर्ड ने विचार-विमर्श कर छह करोड़ के प्रस्ताव पर सैद्धांतिक सहमति प्रदान की, जो राज्य के लिए उपलब्धि है। बताया, केंद्र सरकार ने राज्य में शिक्षा के क्षेत्र में सुधार, शैक्षिक संकेतकों सकल नामांकन अनुपात, शुद्ध नामांकन अनुपात में वृद्धि और छात्र-छात्राओं के ड्रापआउट दर में कमी पर राज्य सरकार के प्रयासों की सराहना की।

बैठक में ये रहे मौजूद

केंद्रीय शिक्षा सचिव संजय कुमार, केंद्रीय अपर सचिव शिक्षा अनिल कुमार सिंघल, केंद्रीय संयुक्त सचिव शिक्षा डॉ. अमनप्रीत दुग्गल, राज्य के शिक्षा सचिव रविनाथ रमन, राज्य परियोजना निदेशक समग्र शिक्षा झरना कमठान, अपर परियोजना निदेशक कुलदीप गैरोला, उप राज्य परियोजना निदेशक पल्लवी नैन, अजीत भंडारी, एमएम जोशी, प्रद्युमन सिंह रावत, केएन बिजल्वाण, रंजन भट्ट, अनिल ध्यानी, अजय शर्मा आदि।

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