लोकसभा से पारित होने के बाद बृहस्पतिवार को लंबी बहस के बाद राज्यसभा से भी विधेयक पास
संसद के दोनों सदनों से पास विधेयक को अब कानून बनने के लिए राष्ट्रपति के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा
बेबाक दुनिया डेस्क
नई दिल्ली। वक्फ (संशोधन) विधेयक बुधवार को लोकसभा से बहुमत से पारित होने के बाद बृहस्पतिवार को राज्यसभा से भी बहुमत के साथ पारित हो गया। दोनों ही सदनों से विपक्ष के सभी संशोधनों को भी ध्वनिमत से खारिज कर दिया गया। अब विधेयक को राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। इसके बाद कानून बनकर भारत में लागू हो जाएगा।
बुधवार को केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने दोपहर 12 बजे वक्फ (संशोधन) विधेयक को लोकसभा में पेश कर चर्चा की शुरुआत करते हुए कहा था कि विधेयक का मकसद किसी भी धर्म में हस्तक्षेप नहीं, बल्कि वक्फ की संपत्तियों का प्रबंधन करना है। चर्चा में भाग लेते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी विपक्ष पर तुष्टीकरण की राजनीति करने का आरोप लगाया था। इसके बाद लोस में करीब 12 घंटे से ज्यादा समय तक चली चर्चा के बाद रात एक बजे विपक्ष की मांग पर मतदान कराया गया।
देर रात डेढ़ बजे मतदान के बाद वक्फ (संशोधन) विधेयक बहुमत के साथ पारित कराने में केंद्र की मोदी सरकार सफल रही थी। विधेयक के पक्ष में जहां 288 मत पड़े, वहीं विरोध 232 मत पड़े थे। लोकसभा से विधेयक को बहुमत से पारित कराने के बाद बृहस्पतिवार को केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने राज्यसभा में दोपहर एक बजे पेश किया। इसके बाद यहां पर भी 12 घंटे से ज्यादा समय तक पक्ष और विपक्ष के बीच लंबी चर्चा हुई। चर्चा पूरी होने के बाद रात दो बजे के बाद वोटिंग कराई गई।

देर रात ढाई बजे राज्यसभा से भी विधेयक पारित हो गया। विधेयक के पक्ष में 128 और विपक्ष में 95 वोट पड़े। राज्यसभा में विधेयक पर चर्चा के दौरान पक्ष और विपक्ष की ओर से कई बार गहमागहमी की स्थिति भी बनी। अब राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए दोनों सदनों से बहुमत के साथ पारित विधेयक को भेजा जाएगा। राष्ट्रपति के हस्ताक्षर करते ही वक्फ (संशोधन) विधेयक कानून बनकर देश में लागू हो जाएगा।
केंद्र की मोदी सरकार की ओर से वक्फ (संशोधन) विधेयक वक्फ संपत्तियों के प्रशासन और प्रबंधन में सुधार के उद्देश्य से लाया गया है। विपक्षी दलों ने जहां इसे अल्पसंख्यकों के अधिकारों के खिलाफ बताया, वहीं सरकार ने पारदर्शिता और सुशासन की दिशा में महत्वपूर्ण कदम करार दिया। बीजेपी सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने सवाल उठाया, जब इंडोनेशिया, टर्किये, इराक और सीरिया आदि जैसे इस्लामिक देशों में वक्फ की व्यवस्था नहीं है, तो भारत में क्यों बनाए रखा गया है।
खड़गे बोले, अल्पसंख्यकों को परेशान करने को लाया गया बिल
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने वक्फ (संशोधन) विधेयक का विरोध करते हुए कहा, अल्पसंख्यकों को परेशान करने के लिए बिल लाया गया है। अगर 1995 के वक्फ एक्ट में सुधार के तौर पर पेश किया गया होता तो कांग्रेस समर्थन करती। कहा, सर्वेक्षण आयुक्त और अतिरिक्त आयुक्त की जगह कलक्टर की नियुक्ति जैसी शर्तें दिक्कत में डालने के लिए हैं।

जेपी नड्डा ने कई मुस्लिम देशों के दिए उदाहरण
राज्यसभा में चर्चा में हिस्सा लेते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा, हम विपक्ष को विधेयक पर सरकार से साथ आने का निमंत्रण देते हैं। टर्किये और मलयेशिया का उदाहरण लेते हुए कहा, यहां वक्फ प्रॉपर्टी को डिजिटल रूप में देखा जा रहा है। सऊदी अरब में भी ऐसा ही किया जा रहा है। इन देशों में सरकार वक्फ प्रॉपर्टी को अपने कब्जे में लेकर काम कर रही है, तब कोई तकलीफ नहीं हो रही। यहां तो हम कब्जा भी नहीं कर रहे। हम सिर्फ नियम के अनुसार लाने का प्रयास कर रहे हैं।

रिजिजू ने कपिल सिब्बल को लिया निशाने पर
राज्यसभा में चर्चा के दौरान केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, निर्दलीय सदस्य कपिल सिब्बल ने वक्फ निकायों की संपत्तियों की तुलना अन्य धार्मिक निकायों की संपत्तियों से कर विधेयक पर भ्रम पैदा किया है। कहा, केंद्रीय वक्फ परिषद में 22 सदस्य होंगे। तीन सांसद, 10 मुस्लिम, सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के दो पूर्व न्यायाधीश, राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त एक वकील, कई क्षेत्रों में ख्याति प्राप्त चार लोग, भारत सरकार के अतिरिक्त सचिव और संयुक्त सचिव होंगे। मुस्लिम समुदाय के 10 सदस्य में दो महिलाएं जरूरी है।

राज्य वक्फ बोर्ड में 11 सदस्य होंगे
राज्य वक्फ बोर्ड में 11 सदस्य होंगे, इनमें तीन से अधिक गैर मुस्लिम सदस्य नहीं होंगे, जिनमें एक पदेन सदस्य होगा। एक अध्यक्ष, एक सांसद, एक विधायक, चार मुस्लिम समुदाय के सदस्य, पेशेवर अनुभव वाले दो सदस्य, बार काउंसिल का एक सदस्य, राज्य सरकार का संयुक्त सचिव शामिल होगा। मुस्लिम समुदाय के चार सदस्यों में से दो महिलाएं होंगी।

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