मुख्यमंत्री धामी और नीति आयोग के उपाध्यक्ष के बीच राज्य से जुड़े कई विषयों पर विस्तार से चर्चा
आयोग उपाध्यक्ष से आपदा, वनाग्नि, राज्य की फ्लोटिंग आबादी के दृष्टिगत विशेष सहयोग की अपेक्षा की
बेबाक दुनिया ब्यूरो
देहरादून। सचिवालय में शनिवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी संग राज्य के विषयों पर बैठक की और उपाध्यक्ष का देवभूमि में स्वागत किया।








मुख्यमंत्री ने बैठक के दौरान उपाध्यक्ष से कहा, उत्तराखंड आपदा की दृष्टि से बहुत संवेदनशील राज्य है। प्राकृतिक आपदा के कारण राज्य को प्रत्येक साल जन-धन की काफी क्षति होती है। राज्य में विकसित किया गया इन्फ्रास्टक्चर प्राकृतिक आपदाओं के कारण काफी प्रभावित होता है। अनुरोध किया कि राज्य की प्राकृतिक आपदाओं को ध्यान में रखते हुए नीति बनाई जाए।
कहा, वनाग्नि भी राज्य की बड़ी समस्या है। राज्य में वनाग्नि की चुनौतियों से समाधान के लिए पर्याप्त संसाधनों की आवश्यकता होगी। राज्य के सीमांत क्षेत्रों के विकास के लिए भी विशेष नीति बनाने का अनुरोध भी मुख्यमंत्री ने किया। कहा, उत्तराखंड विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाला राज्य है। राज्य में पर्वतीय, मैदानी, भाबर और तराई क्षेत्र हैं। आपदा, वनाग्नि, पलायन और फ्लोटिंग जनसंख्या बड़ी चुनौती है। दो देशों की अंतरराष्ट्रीय सीमाओं से लगे होने के कारण उत्तराखंड सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण राज्य है। धामी ने नीति आयोग के उपाध्यक्ष से अनुरोध किया कि पहाड़ी राज्यों की भौगोलिक परिस्थियों को ध्यान में रख नीतियों का निर्धारण किया जाए।
उन्होंने पर्वतीय क्षेत्रों के लोगों की आजीविका में वृद्धि के लिए विशेष नीति बनाने का अनुरोध भी किया। इससे पलायन जैसी बड़ी समस्या का समाधान होगा। कहा, राज्य सरकार हिम आधारित नदियों को वर्षा आधारित नदियों से जोड़ने की एक महत्वाकांक्षी परियोजना पर कार्य कर रही है। इसके दीर्घकालिक परिणाम गेम चेंजर साबित होंगे। नदी-जोड़ो परियोजना के क्रियान्वयन के लिए अत्यधिक धनराशि की जरूरत है जिसके लिए आयोग से तकनीकी सहयोग के लिए अनुरोध किया।
कहा, उत्तराखंड की जनसंख्या लगभग सवा करोड़ है, लेकिन धार्मिक और पर्यटन प्रदेश होने से राज्य में इससे 10 गुना लोगों की आवाजाही है। राज्य में फ्लोटिंग जनंसख्या को ध्यान में रखते हुए आधारभूत और बुनियादी सुविधाओं के विकास की जरूरत होती है। उन्होंने नीति आयोग के उपाध्यक्ष से अनुरोध किया कि राज्य में फ्लोटिंग आबादी को ध्यान में रखते हुए राज्य के लिए नीति बने।
कहा, राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संकल्प को पूरा करने की दिशा में लिए सशक्त उत्तराखंड पहल वर्ष 2022 में शुरू किया गया, जिसके अन्तर्गत पांच वर्षों में राज्य की आर्थिकी को दोगुना करने का लक्ष्य रखा गया है। कहा, वर्तमान में राज्य की आर्थिकी वर्ष 2022 के सापेक्ष 1.3 गुना हो चुकी है। हम इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए अल्पकालिक, मध्यकालिक एवं दीर्घकालिक रोडमेप तैयार किया है।
नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी ने नीति आयोग द्वारा जारी सतत विकास लक्ष्यों की रैंकिंग में उत्तराखंड को प्रथम स्थान मिलने पर मुख्यमंत्री को बधाई दी। उन्होंने बैठक में प्रमुख चुनौतियों से संबंधित जिन विषयों पर चर्चा हुई, इन सभी विषयों पर हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया। कहा, राज्य के आकांक्षी जनपदों और विकासखंडों के विकास के लिए भी नीति आयोग द्वारा हर संभव सहयोग दिया जाएगा।
ये रहे मौजूद
उत्तराखंड सेतु आयोग के उपाध्यक्ष राजशेखर जोशी, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, राज्य सलाहकार नीति आयोग, भारत सरकार सोनिया पंत, सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम, शैलेश बगोली, एसएन पांडेय, अपर सचिव विजय कुमार जोगदंडे, सीपीपीजीजी के एसीईओ डॉ. मनोज पंत आदि।
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