सभी को 10 हजार रुपये का अतिरिक्त बोनस, प्रदेश के स्वच्छताकर्मियों को 16,000 रुपये न्यूनतम वेतन
महाकुंभ का यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने किया औपचारिक समापन, सफाईकर्मियों संग किया भोजन
बेबाक दुनिया ब्यूरो
महाकुंभ नगर। महाकुंभ का औपचारिक समापन करने प्रयागराज पहुंचे यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मेला कार्य में लगे सफाई, स्वास्थ्य, पुलिस और रोडवेज कर्मियों की लगन और सेवाभाव से गदगद होकर सौगातों की बौछार कर दी।

डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक संग महाकुंभ के औपचारिक समापन पर पहुंचे सीएम योगी आदित्यनाथ ने सुबह 11 बजे सबसे पहले अरैल घाट पर झाड़ू लगाई। इसके बाद गंगा नदी से कचरा निकाला फिर गंगा का पूरे विधि विधान से पूजन किया। योगी ने दोनों डिप्टी सीएम संग सफाईकर्मियों के साथ जमीन पर बैठकर दोपहर का खाना खाया। योगी नेत्र कुंभ भी गए और शाम को पुलिसकर्मियों से मुलाकात की और साथ खाना भी खाया।

सफाई, पुलिसकर्मियों और नाविकों के अभिनंदन कार्यक्रम के संबोधन के दौरान सीएम ने घोषणा की कि प्रदेश में न्यूनतम वेतन नहीं पाने वाले स्वच्छताकर्मियों को अब 16 हजार रुपये का एक निश्चित मानदेय मिलेगा। साथ ही महाकुंभ में तैनात सफाई, स्वास्थ्य, पुलिस और रोडवेजकर्मियों को 10 हजार रुपये का अतिरिक्त बोनस दिया जाएगा। कहा, स्वास्थ्य कर्मियों को भी न्यूनतम वेतन दिया जाएगा। योगी ने प्रदेश के स्वास्थ्य, सफाई और अन्य कर्मचारियों को पांच लाख रुपये तक के स्वास्थ्य बीमा का लाभ देने का एलान भी किया।

कहा, प्रदेश में नाविकों का रजिस्ट्रेशन होगा। इसके अलावा पांच लाख रुपये का बीमा होगा। कहा, गरीब नाविकों को नाव खरीदने के लिए सरकार पैसा भी देगी। घोषणा की कि महाकुंभ में ड्यूटी देने वाले 75 हजार पुलिस जवानों को हफ्ते भर की छुट्टी मिलेगी और 10 हजार रुपये का स्पेशल बोनस दिया जाएगा। साथ ही महाकुंभ सेवा मेडल से भी पुलिसकर्मियों को सम्मानित किया जाएगा। योगी ने महाकुंभ में तैनात पुलिसकर्मियों की तारीफ की।

कहा, यूपी पुलिसबल की क्षमता को आगे बढ़ते हुए देखा है। कभी उत्तर प्रदेश गृह विभाग का बहुत साधारण बजट होता था। इस समय अकेले पुलिसबल के लिए 40 हजार करोड़ रुपये का बजट है। यह वहीं प्रदेश था, जहां हर दूसरे दिन दंगे होते थे। कहा, आस्था का इतना बड़ा समागम दुनिया के अंदर कहीं नहीं हुआ। कोई घटना नहीं हुई। सपा पर निशाना साधते हुए कहा, विरोधी दूरबीन लगाकर बैठे हुए थे फिर भी वे घटनाएं उजागर नहीं कर पाए। दुष्प्रचार का कोई मौका नहीं छोड़ा।

कहा, मौनी अमावस्या पर रात को दुखद घटना घटित हुई थी। उन सभी लोगों के परिजनों के प्रति संवेदना है, लेकिन काहिरा और काठमांडू की घटना को प्रयागराज से जोड़कर बदनाम करने की साजिशें हो रही थीं। मौनी अमावस्या पर आठ करोड़ श्रद्धालु थे, लेकिन विपक्ष लगातार गलत सूचना फैलाता रहा और अभद्र भाषा का इस्तेमाल करता रहा। कहा, महाकुंभ में 66 करोड़ 30 लाख से ज्यादा श्रद्धालु आए। अपहरण, छेड़छाड़, लूट और दुष्कर्म की कोई घटना नहीं हुई।

योगी ने मीडिया की सराहना करते हुए कहा, महाकुंभ में मीडिया की भूमिका अहम रही। सर्दी हो, धूप हो, लेकिन मीडिया नहीं रुकी, कवरेज करती रही। कहा, तीन हजार सीसीटीवी लगाए। यहां 15 हजार सफाईकर्मी तैनात थे। शटल बसें, परिवहन बसें लगाई गई थी। सभी विभागों ने पूरी मदद की।


मुख्यमंत्री ने कहा, महाकुंभ वास्तव में वैश्विक आयोजन बन गया और इसकी सफलता का श्रेय प्रधानमंत्री मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व को जाता है। कहा, मोदी ने आस्था और अर्थव्यवस्था का दृष्टिकोण दिया है। कहा, आध्यात्मिक पर्यटन की संभावनाएं हैं और यदि कोई राज्य इसका आधार बन सकता है तो वह यूपी है।
“एकता का महायज्ञ संपन्न हुआ। जब एक राष्ट्र की चेतना जागृत होती है, जब वो सैकड़ों साल की गुलामी की मानसिकता के सारे बंधनों को तोड़कर नव चैतन्य के साथ हवा में सांस लेने लगता है, तो ऐसा ही दृश्य उपस्थित होता है, जैसा हमने महाकुंभ में देखा। इतना विशाल आयोजन आसान नहीं था। मां गंगा, यमुना और सरस्वती से प्रार्थना करता हूं कि अगर हमारी आराधना में कुछ कमी रह गई हो तो क्षमा करिएगा। श्रद्धालुओं की सेवा में भी अगर हमसे कुछ कमी रह गई हो, तो जनता का क्षमाप्रार्थी हूं। सीएम योगी के नेतृत्व में शासन, प्रशासन और जनता ने मिलकर, एकता के महाकुंभ को सफल बनाया। केंद्र हो या राज्य, यहां ना कोई शासक था, ना कोई प्रशासक था, हर कोई श्रद्धा भाव से भरा सेवक था।” – नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री (महाकुंभ के समापन पर मोदी के ब्लॉग के कुछ शब्द)
“16 हजार से अधिक ट्रेनें चलाई गईं। करीब चार से पांच करोड़ श्रद्धालुओं को महाकुंभ के दर्शन के लिए संगम पर ला पाए। रेलवे के सभी विभागों का समन्वय बहुत अच्छा रहा। रखरखाव की कोई समस्या नहीं आने दी गई। सब जगह श्रद्धालुओं को भीड़ की तरह न समझकर उनकी श्रद्धा को समझा गया। कई सरकारों और रेलवे का जो आपसी समन्वय रहा, उससे भी लाभ मिला। सभी व्यवस्थाओं का विश्लेषण करेंगे और रेलवे के जो संचालन मैनुअल हैं, उसमें स्थायी परिवर्तन लाने की व्यवस्था की जाएगी।” -अश्विनी वैष्णव, रेल मंत्री
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