बेबाक दुनिया ब्यूरो
देहरादून। सरकार द्वारा निरंतर व्यापार सुविधा और सरलीकरण से संबंधित उपाय किए गए हैं। आगे भी सरकार सुझावों और समस्याओं को सुलझाने के लिए प्रयासरत रहेगी।
उपरोक्त बात शुक्रवार को 53वीं जीएसटी परिषद द्वारा की गई संस्तुतियों, वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए घोषित केंद्रीय बजट में कर विषयक प्रावधानों के संबंध में राज्य कर विभाग द्वारा इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड के सहयोग से आयोजित कार्यशाला को संबोधित करते हुए प्रदेश के वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कही।

वित्त मंत्री ने वर्तमान में कर प्रणाली के प्रशासन में आमूल-चूल परिवर्तन और कर सुधारों में जन भागीदारी बढ़ाने के प्रयासों को रेखांकित किया। कहा, जीएसटी परिषद द्वारा की गई संस्तुतियों और वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए घोषित केंद्रीय बजट में व्यापार को सुविधाजन्य बनाने के प्रयास दिखाई देते हैं।
उन्होंने जीएसटी प्रणाली में कई कर स्तरों के मध्य समन्वय और इस आलोक में राज्य और केंद्रीय कर प्रशासन के मध्य सामंजस्य और पारस्परिक संवाद की महत्ता से अवगत कराते हुए करदाताओं की सुविधा के लिए उनके साथ निरंतर संवाद स्थापित करने की जरूरत पर बल दिया।
वित्त मंत्री ने राजस्व सुरक्षा सुनिश्चित करने और कर प्रशासन को सरलीकृत करने के संबंध में ऐसी कार्यशालाओं का निरंतर आयोजन करने की जरूरत पर बल दिया। उधर, केंद्रीय बजट में कर विषयक प्रावधानों के संबंध में मनीष मिश्रा और अनुपम वर्मा ने प्रस्तुतीकरण दिया। इस मौके पर आयुक्त सीजीएसटी नीलेश कुमार गुप्ता और आयुक्त डॉ. अहमद इकबाल ने भी कार्यशाला को संबोधित किया।
सभी ने कर व्यवस्था में महत्वपूर्ण हितधारक होने के फलस्वरूप राज्य कर विभाग और इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड द्वारा कार्यशाला आयोजित करने के प्रयास की प्रशंसा की। उम्मीद जताई कि इस प्रकार के आयोजन राज्य हित में लाभदायक होंगे।
ये रहे मौजूद
अध्यक्ष इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड पंकज गुप्ता, महासचिव अनिल गोयल, राजीव अग्रवाल, उद्योग व्यापार संघों के प्रतिनिधि, कर सलाहकार और विभागीय अफसर।
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