October 14, 2025

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हर ग्राम पंचायत में एक-एक खेल मैदान बनेगा : रेखा आर्या

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बोलीं, खेल मैदानों के निर्माण का उद्देश्य खेल प्रतिभाओं को निखारना

खेल और खिलाड़ियों के हितों के लिए सरकार ले रही अहम फैसले

बेबाक दुनिया ब्यूरो

देहरादून। राज्य में खेल मैदानों और मिनी स्टेडियमों के निर्माण के लिए शासन स्तर पर मानकों का निर्धारण कर जिओ भी जारी हो चुका है।

उपरोक्त बात प्रदेश की खेल एवं युवा कल्याण मंत्री रेखा आर्या ने कही। कहा, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में सरकार सरलीकरण, समाधान और निराकरण के ध्येय वाक्य पर लगातार आगे बढ़ रही है। बताया, जिओ के अनुसार खेल मैदान की भूमि युवा कल्याण विभाग के नाम राजस्व अभिलेखों में दर्ज की जानी चाहिए। भूमि निजी दानदाताओं द्वारा दान के रूप में अथवा ग्राम समाज/नजूल या अन्य राज्य सरकार के स्वामित्व की भूमि का आवंटन युवा कल्याण विभाग के नाम संबंधित जिले के जिलाधिकारी द्वारा निशुल्क किया जाएगा।

कहा, निजी दानदाताओं द्वारा दी गई भूमि की रजिस्ट्री पर होने वाला व्यय विभाग स्वयं वहन करेगा। वहीं, किसी शासकीय विभाग, प्राधिकरण, राजकीय/शासकीय सहायता प्राप्त संस्थान/विद्यालय, माध्यमिक विद्यालय/महाविद्यालय की भूमि पर संबंधित संस्था/विभाग के अनापत्ति प्रमाणपत्र के साथ खेल मैदान का निर्माण प्रस्तावित किया जा सकता है। अन्य प्रकार की भूमि होने पर विभाग के नाम हस्तान्तरण होने के बाद ही खेल मैदान का निर्माण किया जाएगा।

कहा, खेल मैदान में दौड़, लंबीकूद, ऊंचीकूद, खो-खो, कबड्डी, वालीबाल, फुटबाल, बास्केटबाल, पुशअप, चिनअप, ताईक्वांडो, बाक्सिंग आदि सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। बताया, युवाओं को खेलों में प्रशिक्षण के लिए एक खेल प्रशिक्षक खेल विभाग द्वारा निर्धारित मानदेय पर तैनात किया जाएगा, जिसके मानदेय का भुगतान युवा कल्याण विभाग की जिला योजना से किया जाएगा और तैनात अंशकालिक प्रशिक्षक को एक से अधिक खेल मैदानों में प्रशिक्षण का दायित्व दिया जा सकता है।

मिनी स्टेडियम के निर्माण की जानकारी देते हुए बताया, मिनी स्टेडियम के निर्माण के लिए 70 लाख रुपये की धनराशि रखी गई है, जिसमें उपकरणों की खरीद के लिए भी राशि सुनिश्चित की गई है। वहीं, मिनी स्टेडियम में कई खेलों के प्रशिक्षण के लिए एक खेल प्रशिक्षक खेल विभाग द्वारा निर्धारित मानदेय पर रखा जाएगा।मिनी स्टेडियम के रखरखाव का मुख्य दायित्व स्टेडियम में नियुक्त खेल प्रशिक्षक का होगा और हर वर्ष आवश्यकतानुसार टूट-फूट एवं खेल उपकरणों हेतु प्रतिवर्ष 10 हजार रुपये जिला योजना से मुहैया कराया जाएगा।

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