आईआईटी रुड़की का चौबीसवां दीक्षांत समारोह में 2,513 छात्रों को मिली उपाधि
बेबाक दुनिया ब्यूरो
देहरादून। ‘यह यात्रा शुरुआती यात्रा है। अभी बहुत आगे बढ़ना है। बड़े-बड़े शोध करने हैं। समाज और देश को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाना है समाज के विकास के लिए अच्छे शोध करने हैं।’

उपरोक्त उद्गार शनिवार को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) रुड़की के 24वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कार्यक्रम की मुख्य अतिथि नैसकॉम की अध्यक्ष देबजानी घोष ने कहीं। प्रौद्योगिकी उद्योग की अनुभवी और 30 वर्षों के इतिहास में नैसकॉम का नेतृत्व करने वाली प्रथम महिला ने कहा, उन्हें विश्वास है कि छात्रों ने आईआईटी रुड़की से जो ज्ञान और कौशल प्राप्त किया है, वह भविष्य में उनको आगे ले जाने में सहायता करेगा।
कहा, इससे देश और समाज का विकास होगा और छात्र देश के विकास में भूमिका निभाएंगे। देबजानी ने कहा, छात्रों की कड़ी मेहनत, समर्पण और जुनून उनको मंजिल तक पहुंचाएगा। उधर, दीक्षांत समारोह में 2513 छात्रों को उपाधियां दी गईं। उपाधि पाने वाले छात्रों में 1,277 स्नातक, 794 स्नातकोत्तर और 442 डॉक्टरेट के हैं। दीक्षांत भवन में आयोजित समारोह में छात्रों ने संस्कृत में मेहमानों का स्वागत किया। छात्र कुर्ता और पायजामा पहनकर आए थे, जबकि छात्राओं ने क्रीम कलर की साड़ी पहनी थी।
इनको मिला पदक
अचिंत्य नाथ, बीटेक, राष्ट्रपति स्वर्ण पदक, कंप्यूटर विज्ञान एवं अभियांत्रिकी।
पार्थ साथी मिश्र, बीटेक, निदेशक स्वर्ण पदक, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं संचार अभियांत्रिकी।
उज्ज्वल कुमार दुबे, बीटेक, पूर्व राष्ट्रपति डॉ. शंकर दयाल शर्मा स्वर्ण पदक, कंप्यूटर विज्ञान एवं अभियांत्रिकी।
अक्षत अग्रवाल, बीटेक, संस्थान रजत पदक, कंप्यूटर विज्ञान एवं अभियांत्रिकी।
रिधम सदन, संस्थान कांस्य पदक, एकीकृत एमटेक।
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