अहमदाबाद में रनवे से लंदन के लिए उड़ान भरते ही विमान बीजे मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल परिसर में टकराया
मरने वालों में गुजरात के पूर्व सीएम विजय रुपाणी समेत विमान में सवार 241 लोगों की गई जान, एक चमत्कारिक रूप से जिंदा बचा
बेबाक दुनिया ब्यूरो
नई दिल्ली। बृहस्पतिवार (12 जून) को दोपहर 1:38 बजे गुजरात के अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से लंदन के लिए उड़ान भरने के कुछ देर बाद ही एयर इंडिया की अंतरराष्ट्रीय उड़ान एआई-171 बीजे मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल परिसर में जा घुसी, जिससे 12 क्रू मेंबर समेत 241 यात्रियों की मौत हो गई, जबकि एक यात्री चमत्कारिक रूप से बच गया।
हादसे के वक्त हॉस्टल में खाना खा रहे और बना रहे अन्य 24 लोगों की भी जान चली गई। हादसे के वक्त विमान में 230 यात्री व पायलट, को-पायलट और केबिन क्रू समेत 12 क्रू मेंबर सवार थे। एयर इंडिया का यह विमान बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर अहमदाबाद से लंदन (गैटविक) के लिए उड़ान भरने के तुरंत बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
बताया जाता है कि टेक-ऑफ के कुछ ही क्षण बाद विमान ने अचानक स्पीड और संतुलन खो दिया और कंट्रोल टॉवर को पायलट की ओर से मेडे कॉल प्राप्त हुई, जो अंतरराष्ट्रीय इमरजेंसी सिग्नल है। पायलटों ने कॉल कर कहा, टेक्निकल दिक्कत के चलते तत्काल लैंडिंग की कोशिश कर रहे हैं।
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लेकिन विमान रनवे पर लौटने से पहले ही दो मिनट के भीतर शहर के बीचों-बीच बीजे मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल आग का गोला बनकर गिर गया। विमान के कई टुकड़े हवा में फैल गए और हॉस्टल के छात्र, कर्मचारी और पास की बिल्डिंग्स भी चपेट में आ गईं। हादसे के समय हॉस्टल में कई मेडिकल छात्र भी थे, जिनमें से 10 की मौत की पुष्टि हो चुकी है।
हादसे में विमान में सवार एक ब्रिटिश-इंडियन नागरिक, जो सीट 11ए पर बैठा था, बच गया। गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी फ्लाइट में सवार थे और लंदन पत्नी और बेटी से मिलने जा रहे थे, उनकी भी मौत हो गई। शुक्रवार को मलबे से ब्लैक बॉक्स (फ्लाइट डाटा रिकॉर्डर और कॉकपिट वाइस रिकॉर्डर) बरामद किया गया। ब्लैक बॉक्स की जांच से यह तय होगा कि गलती इंसानी थी या तकनीकी।
1996 के बाद से इतने बड़े हादसे के लिए रक्षा मंत्रालय और नागर विमानन मंत्रालय ने संयुक्त उच्च स्तरीय जांच कमेटी गठित कर दी है। हादसे के बाद कुछ अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट्स को अस्थायी रूप से डायवर्ट किया गया। उधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर गहरा शोक जताया और शाम को क्रैश साइट का दौरा भी किया। वही, टाटा संस के चेयरमैन और एयर इंडिया के सीईओ ने कहा, हम दुर्घटना पर पूरी तरह पारदर्शी रहेंगे और जांच एजेंसियों को हर प्रकार का सहयोग देंगे। उधर, टाटा समूह ने सभी मरने वालों को एक-एक करोड़ रुपये देने के साथ ही घायलों के पूरे इलाज का खर्चा उठाने का भी एलान किया है।
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