July 8, 2025

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दून अस्पताल परिसर की मजार में रात में गरजा महाबली 

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सीएम पोर्टल पर दर्ज हुई थी शिकायत, प्रशासनिक जांच के बाद शुक्रवार देररात प्रशासन ने की कार्रवाई 

शनिवार सुबह जब लोग दून अस्पताल इलाज के लिए पहुंचे तो मजार की जगह थी समतल जगह

बेबाक दुनिया ब्यूरो

देहरादून। जांच के बाद दून अस्पताल परिसर में कई दशकों से बनी अवैध मजार को शुक्रवार की देर रात पुलिस-प्रशासन की टीम ने भारी फोर्स की मौजूदगी के बाद दो जेसीबी लगाकर जमींदोज कर दिया। शनिवार जब आम लोग अस्पताल पहुंचे तो मजार की जगह समतल स्थान ही नजर आया।

मिली जानकारी के मुताबिक, सीएम पोर्टल पर कुछ साल पहले ऋषिकेश निवासी पंकज गुप्ता ने शिकायत दर्ज कराई थी कि मजार सरकारी जमीन पर अवैध तरीके से बनाई गई है। यहां पर मजार की आड़ में एक धर्म विशेष के लोग धर्मांतरण का काम भी लगातार कर रहे हैं। इससे अस्पताल इलाज कराने आने वालों पर गलत संदेश जा रहा है। इस शिकायत के बाद जिलाधिकारी ने अवैध संरचना के भूमि संबंधी दस्तावेजों की जांच के निर्देश दिए। इसके बाद राजस्व विभाग, नगर निगम, पीडब्ल्यूडी, दून अस्पताल प्रशासन समेत अन्य विभागों से जांच कराई।

इसके बाद सभी संबंधित विभागों ने मजार अवैध है या नहीं, सरकारी भूमि पर बनी है या नहीं, बनाने के पहले अनुमति ली गई थी या नहीं आदि बिंदुओं की बारीकी से जांच की। इसके अलावा मामले की जांच करने वाली एजेंसियों ने दून अस्पताल प्रशासन से आख्या मांगी। इसके बाद मजार के खादिम को नोटिस जारी किया गया। मामला सही निकला और इसके बाद शुक्रवार की देर दो बजे के बाद सबसे पहले अस्पताल की ओर आने वाले सभी मार्गों को सील कर दिया गया।

फिर भारी फोर्स की मौजूदगी में दो जेसीबी मंगाकर नगर निगम, लोक निर्माण विभाग, दून अस्पताल प्रशासन और जिला प्रशासन की टीम ने अवैध मजार ढहा दिया। प्रशासन के मुताबिक, ध्वस्त अवैध मजार के मलबे से कोई भी अवशेष नहीं मिले हैं। उधर, खास बात ये भी है कि पूर्व में भी अस्पताल प्रशासन ने लोगों के उपचार के दौरान आ रहे व्यवधान पर शासन को पत्र लिखकर मजार को हटाने की मांग की थी।

खादिम करते थे मरीजों के बीच मजार का प्रचार

इस मजार को कोई फकीर तो कोई इसे किसी अन्य तरह की बताता था। यहां के खादिम अस्पताल के मरीजों के बीच जाकर इबादत का अंधविश्वास का काम करते थे, जिससे अस्पताल प्रशासन भी परेशान था। अवैध बने धार्मिक संरचना से कई लोग कारोबार भी चला रहे थे।

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