नामांकन 27 से 30 दिसंबर तक और नामांकन की जांच 31 दिसंबर से एक जनवरी तक
नाम वापसी दो जनवरी को, मतदान 23 जनवरी को और मतगणना 25 जनवरी को, आचार संहिता भी लागू
बेबाक दुनिया ब्यूरो
देहरादून। सोमवार को उत्तराखंड में निकाय चुनाव का बिगुल बज गया। यहां 27 दिसंबर से 30 दिसंबर तक नामांकन होंगे, जबकि नामांकन की जांच 31 दिसंबर से एक जनवरी 2025 तक होगी, वहीं नाम वापसी दो जनवरी को सुबह 10 बजे से शाम चार बजे तक लिए जा सकेंगे। इसी के साथ आदर्श आचार संहिता भी अब लागू हो गई है।

निकाय चुनाव का मतदान पूरे प्रदेश में 23 जनवरी 2025 को सुबह आठ से शाम पांच बजे तक होगा, जबकि मतगणना 25 जनवरी को सुबह आठ बजे से होगी। सोमवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए उत्तराखंड के निर्वाचन आयुक्त सुशील कुमार ने उपरोक्त जानकारी दी। बताया, पूरे प्रदेश में 107 नगर निकाय हैं। चंपावत के पाटी और ऊधमसिंह नगर के गडी अभी हाल ही में नए नगर निकाय बनाए गए हैं, इसलिए इन दोनों जगहों पर चुनाव नहीं होंगे।
बताया, टिहरी जिले के नरेंद्रनगर और ऊधमसिंह नगर के किच्छा में परिसीमन न होने की वजह से यहां पर चुनाव नहीं कराए जाएंगे। बदरीनाथ, केदारनाथ और गंगोत्री में चुनाव नहीं होते हैं। बताया, 107 निकायों में से 100 में ही चुनाव होगा, जिसमें 11 नगर निगम, 43 नगर पालिका और 46 नगर पंचायत शामिल हैं। बताया, प्रदेश में 1,518 मतदान केंद्र और 3,393 मतदेय स्थल बनाए गए हैं। बताया, निकायों में तेजी से मतदाताओं की संख्या में बढ़ोतरी हुई है।

बताया, वर्ष 2018 में 87 नगर निकाय में जहां 25,36,408 मतदाता थे, वहीं अब 102 नगर निकायों में 30,63,143 मतदाता हो गए हैं। बताया, पूरे प्रदेश में जहां 14,82,809 महिला मतदाता हैं, वहीं 15,79,789 पुरुष मतदाता हैं। इसके अलावा 545 अन्य मतदाता हैं। बताया, पार्षद 540, वार्ड सदस्य नगर पालिका में 444 और नगर पंचायत में 298 चुने जाएंगे। बताया, दिसंबर माह में मतदाता बनाने के लिए तीन दिन का विशेष अभियान चलाया गया था, जिसमें 24 हजार मतदाता जुड़े हैं, जिसमें 10 हजार मतदाता पहली बार मतदान करेंगे।
बताया, प्रत्याशियों के खर्च की निगरानी का सिस्टम पहली बार इस निकाय चुनाव में लागू किया गया है। बताया, 41 सामान्य पर्यवेक्षक और 20 व्यय पर्यवेक्षक तैनात किए गए हैं। बताया, हर जिले में डीएम एक स्थानीय अधिकारी को व्यय अधिकारी बनाएंगे, साथ ही राज्य स्तर पर पुलिस, आबकारी के नोडल अफसर नामित किए जाएंगे। जिले में व्यय नियंत्रण के लिए तीन अधिकारी तैनात किए गए हैं।
बताया, मतदाताओं को लुभाने वालों की निगरानी में प्रशासन का एक, आबकारी विभाग का एक और पुलिस का एक अफसर तैनात रहेगा। उन्हें जब्ती का अधिकार भी दिया गया है। इसमें निर्वाचन के नियम और बीएनएस के तहत कार्रवाई भी होगी। बताया, महिलाओं के लिए 70 पिंक बूथ भी बनाए गए हैं। साथ ही दिव्यांग मतदाताओं के लिए चुनाव को सुविधाजनक बनाया जाएगा।
बताया, अक्षम परिवार के सदस्य को वाहन की अनुमति देंगे। वाहन न होने पर डीएम वाहन उपलब्ध कराएंगे। बताया, अबकी मतदान कर्मचारियों की ड्यूटी सॉफ्टवेयर के हिसाब से लगाई जाएगी। प्रत्याशी का आपराधिक इतिहास जिलाधिकारी अपने जनपद के प्रचार साधनों से करेंगे और उसकी जानकारी मीडिया के माध्यम से मतदाताओं तक पहुंचाई जाएगी।
601 संवेदनशील और 422 अति संवेदनशील मतदान केंद्र
बताया, इस बार 24 हजार कर्मचारी निकाय चुनाव संपन्न कराएंगे। बताया, चुनाव प्रबंधन में करीब 4000 सेक्टर, 2000 जोनल मजिस्ट्रेट, 18,000 सुरक्षा कर्मी और 2500 हल्के भारी वाहन पोलिंग पार्टियों के लिए हायर किए गए हैं। बताया, पूरे प्रदेश में 601 संवेदनशील मतदान केंद्र, 1,292 मतदान स्थल, 422
अति संवेदनशील और 1078 मतदान स्थल बनाए गए हैं। बताया, यहां 13 दल पंजीकृत हैं। एक ही जनपद में कार्यरत अधिकारी को पर्यवेक्षक नहीं बनाया जाएगा।
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