उत्तरकाशी के आश्रम में बाढ़ के पानी में फंसे संतों और मजदूरों को एसडीआरएफ के जवानों ने किया सुरक्षित रेस्क्यू
बेबाक दुनिया डेस्क
देहरादून। गढ़वाल मंडल में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश कहर बरपा रही है। शुक्रवार से लेकर शनिवार तक कई क्षेत्रों में नदी-नाले जहां उफना रहे हैं, वहीं पहाड़ से भूस्खलन के साथ पत्थरों की हो रही बारिश और भी ज्यादा कहर ढा रही है, जिससे जानमाल का भी नुकसान उठाना पड़ रहा है।






उधर, कई जगह पहाड़ से मलबा और बोल्डर गिरने से कई राष्ट्रीय राजमार्ग ठप भी हो रखे हैं। कइयों को काफी मशक्कत के बाद जहां बीआरओ की टीम खोलने में सफल रही, जबकि कई को खोलने के लिए जवान जुटे हुए हैं। टिहरी जिले के बूढ़ाकेदार क्षेत्र में शुक्रवार की रात धर्मगंगा नदी के उफान पर आने से मां-बेटी नदी के तेज बहाव में बह गए हैं।
पुलिस के मुताबिक, बूढ़ाकेदार से छह किमी दूर झाला पुल के समीप नेपाली मूल के मजदूर एक कच्चे मकान में रहते थे। रात दो बजे के लगभग लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के चलते धर्मगंगा नदी अचानक उफान गई, जिससे पप्पू बहादुर की पत्नी जया (32) और बेटी मोनिका (सात) नदी के तेज बहाव में बह गईं, जबकि पप्पू बहादुर और रमेश बहादुर ने भागकर जान बचाई है।
पुलिस ने नदी के किनारे दोनों मां-बेटी की काफी तलाश की, लेकिन पता नहीं चल पाया है। उधर, उत्तरकाशी में गंगोत्री धाम पर भागीरथी नदी का जलस्तर बढ़ गया, जिससे नदी के तेज बहाव में शिवानंद कुटीर आश्रम का जहां गेट बह गया, वहीं सुरक्षा दीवार भी क्षतिग्रस्त हो गई। आश्रम में पानी घुस गया, जिससे आश्रम में मौजूद साधु-संत और मजदूर पानी के तेज बहाव में फंस गए।
सुचना मिलते ही पुलिस व एसडीआरएफ के जवानों ने त्वरित कार्यवाही करते हुए आश्रम के पीछे पहाड़ी से आश्रम में घुस कर 10 साधु-संतों और मजदूरों को रेस्क्यू कर गंगोत्री मंदिर प्रांगण में पहुंचाया। उधर, चमोली जनपद में शनिवार को भी रुक-रुककर हो रही बारिश लोगों के लिए आफत बनकर टूट रही है।
जोशीमठ-मलारी हाईवे अवरुद्ध, मलबे में दो वाहन दबे
गोपेश्वर में बारिश के दौरान शनिवार को सुबह करीब छह बजे दो वाहन पहाड़ी से आए मलबे में दब गए, जबकि जोशीमठ-मलारी हाईवे तमक नाले के पास पहाड़ से भारी मात्रा में मलबा आने के कारण अवरुद्ध हो गया, जिससे चीन सीमा क्षेत्र में आईटीबीपी और सेना के वाहनों की आवाजाही रुक गई। साथ ही नीती घाटी के भोटिया जनजाति के ग्रामीण भी आवाजाही नहीं कर पा रहे हैं। सिमली-ग्वालदम राष्ट्रीय राजमार्ग भी आमसोड़ और हारमनी में भरी बारिश और पहाड़ी से मलबा आने से अवरुद्ध हो गया।
बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग भी कई जगह अवरुद्ध
बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पागल नाला, पाताल गंगा और गुलाबकोटी में मलबा आने से अवरुद्ध हो गया है। चमोली जनपद में शुक्रवार को सबसे अधिक बारिश कर्णप्रयाग क्षेत्र में रिकॉर्ड की गई। यहां पर 80 एमएम बारिश हुई, जबकि चमोली में 56.60 एमएम, पोखरी में 45 एमएम, नंदप्रयाग में 36 एमएम, गैरसैंण में 28 एमएम, जोशीमठ में 14.40 एमएम और थराली में दो एमएम के आसपास बारिश हुई।
गंगोत्री धाम में भागीरथी नदी खतरे के निशान से बह रही ऊपर
गंगोत्री धाम पर भागीरथी नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है। जन सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस द्वारा श्रद्धालुओं को नदी के आस पास जाने से रोका गया है। उधर, बारिश से भिलंगना ब्लॉक क्षेत्र में धर्मगंगा और बालगंगा दोनों नदियां उफान पर बह रही हैं।
पिंडर नदी भी उफनाई
कर्णप्रयाग क्षेत्र में शुक्रवार रात को हुई भारी बारिश से पिंडर नदी उफना गई। नारायणबगड़ का पंती कस्बा पहाड़ से हो रहे भूस्खलन के चलते मलबे से पटा है। यहां अतिवृष्टि होने से बारिश के पानी के साथ भारी मात्रा में मलबा आ गया। बारिश से कर्णप्रयाग-ग्वालदम-अल्मोड़ा राष्ट्रीय राजमार्ग नारायणबगड़ के पंती में बंद हो गया।
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