शीतकाल के लिए भगवान बदरीनाथ मंदिर के कपाट छह माह के लिए बंद
बेबाक दुनिया ब्यूरो
देहरादून। रविवार को रात नौ बजकर सात मिनट पर भगवान बदरीनाथ मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए छह माह को बंद कर दिए गए। इस दौरान धाम में भगवान के दर्शनों के लिए मौजूद करीब 10 हजार श्रद्धालुओं ने जय बदरी विशाल के उद्घोष से घाटी को गुंजायमान कर दिया।


रविवार को भगवान बदरीनाथ मंदिर के कपाट बंद होने के बाद अब उत्तराखंड की चारधाम यात्रा पर भी विराम लग गया। बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने से पहले केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट बंद हो चुके थे। अब भगवान बदरीनाथ के 2025 में अक्षय तृतीया पर खोले जाएंगे। उधर, बदरीनाथ मंदिर के कपाट बंद करने से पहले विधि पूर्वक पूजा अर्चना की गई, फिर रात 9.07 बजे मंदिर के पुजारियों ने जय श्री बदरी विशाल के उद्घोष के साथ कपाट बंद किए।
इस विशेष मौके पर बदरीनाथ मंदिर को भव्य रूप से 15 क्विंटल फूलों से सजाया गया था। इस दौरान 10 हजार से अधिक श्रद्धालु मौजूद रहे, जो विशेष रूप से कपाट बंदी का हिस्सा बने। उधर, धाम के कपाट बंद होने के बाद 18 नवंबर (सोमवार) को देव डोलियां योग बदरी पांडुकेश्वर और जोशीमठ के लिए प्रस्थान कर गईं। इसके बाद 19 नवंबर से योग बदरी पांडुकेश्वर और श्रीनृसिंह मंदिर जोशीमठ में शीतकालीन पूजाएं शुरू हो जाएंगी।
गौरतलब हो कि, हर साल सर्दियों के मौसम में धाम में भारी बर्फबारी की संभावना होती है। इसके चलते बदरीनाथ मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाते हैं। इसके बाद भगवान बदरी विशाल की पूजा और दर्शन पांडुकेश्वर और जोशीमठ स्थित शीतकालीन मंदिरों पर होती है।
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