पुल बनने के बाद जादूंग और नेलांग का रास्ता और सुगम, सेना की आवाजाही भी अब और आसान होगी
बेबाक दुनिया ब्यूरो
उत्तरकाशी। भारत-चीन अंतरराष्ट्रीय सीमा पर स्थित नेलांग घाटी में बीआरओ (बॉर्डर रोड आर्गनाइजेशन) की ओर से नवनिर्मित 65 मीटर लंबे डबल लेन स्टील गार्डर पुल कारछा-1 सेतु देश को समर्पित किया गया।




यह पुल भैरों घाटी और नेलांग के बीच जाड़ गंगा की सहायक नदी पर बनाया गया है, जो सामरिक और पर्यटन के दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण है। बीआरओ की ओर से आयोजित कार्यक्रम में गंगोत्री विधायक सुरेश चौहान ने अंतरराष्ट्रीय सीमा को जोड़ने वाली भैरोघाटी-नेलांग सड़क पर बने नए स्टील गार्डर पुल का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा, आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में अंतराष्ट्रीय सीमा पर सड़क सहित संचार जैसी सुविधाओं को मजबूत किया जा रहा है।
इसके साथ ही वाइब्रेंट विलेज जैसी महत्वकांक्षी योजना से खाली हो चुके गांव अब आबाद होने लगे हैं। कहा, वहीं, बीआरओ की ओर से सीमाओं तक अच्छी सड़कें और पक्के पुलों का निर्माण कर सेना की आवाजाही के लिए सुगम मार्ग तैयार किए जा रहे हैं। इस मौके पर बीआरओ के कमांडर विवेक श्रीवास्तव ने बताया, कारछा-1 सेतु का निर्माण कार्य वर्ष 2018 में शुरू किया गया था।
कहा, इस क्षेत्र में छह माह बर्फ होने से निर्माण कार्यों में परेशानी हुई, लेकिन इन सब मुसीबतों को पार कर बीआरओ ने करीब 6.5 करोड़ की लागत से यह डबल लेन स्टील गार्डर पुल तैयार किया है। उधर, पुल के शुभारंभ के बाद इस पर वाहनों की आवाजाही सुचारू कर दी गई। वहीं, यह सेना सहित वाइब्रेंट विलेज जादूंग और नेलांग की कनेक्टिविटी के लिए भी सुगम मार्ग बन गया है। श्रीवास्तव ने बताया, सीमा पर आवाजाही को दुरुस्त करने के लिए अन्य पुलों का निर्माण कार्य भी जारी है।
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