देहरादून। सोमवार को नई दिल्ली में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से प्रदेश की कई सड़क से संबंधित परियोजनाओं पर चर्चा की। इस दौरान धामी ने केंद्रीय मंत्री को बिच्छु घास से बनी स्टॉल के साथ ही राज्य के अन्य स्थानीय उत्पाद भी भेंट किए। मुख्यमंत्री धामी ने केंद्रीय मंत्री से सीआईआरएफ के प्रस्तावों पर वित्तीय एवं प्रशासकीय अनुमोदन का अनुरोध किया। गडकरी ने धामी से कहा कि सीआईआरएफ में राज्य को 250 करोड़ रुपये की परियोजना की स्वीकृति प्रदान की जाएगी।
धामी ने प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों में आपदा से क्षतिग्रस्त राष्ट्रीय राजमार्गों को सुचारू करने के लिए एफडीआरसी के अन्तर्गत धनराशि का भुगतान करने का अनुरोध केंद्रीय मंत्री से किया। गडकरी ने कहा कि इसके लिए बाढ़ क्षति की मरम्मत के तहत पुनः प्रस्ताव भेजा जाय। मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय राजमार्ग -109 के सुधार एवं चौड़ीकरण कार्य के लिए उत्तराखंड लोक निर्माण विभाग को निर्माण एजेंसी के रूप में नामित करने की स्वीकृति प्रदान करने का भी अनुरोध किया। केंद्रीय मंत्री ने सहमति दी। मुख्यमंत्री के अनुरोध पर गडकरी ने मसूरी की टू-लेन टनल परियोजना के कार्य को शीघ्र पूरा करने के लिए एनएचएआई के अफसरों को निर्देश दिये।
यमुनोत्री धाम को जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-123(507) डामटा से बड़कोट के 2-लेन चौड़ीकरण हेतु डीपीआर की लागत 367.35 करोड़ की स्वीकृति प्रदान करने का भी मुख्यमंत्री ने अनुरोध किया। धामी ने कहा कि यह मार्ग चारधाम यात्रा का वैकल्पिक मार्ग है। केंद्रीय मंत्री इसकी स्वीकृति जल्द देने का भी आश्वासन दिया गया।
मुख्यमंत्री ने खटीमा -पीलीभीत बाईपास का निर्माण एनएचएआई से करने का अनुरोध किया, जिस पर गडकरी विचार करने का भरोसा दिया। खटीमा मेलाघाट वनमहोलिया मार्ग तथा खटीमा लोहियाहैड मार्ग में आरओबी के निर्माण के लिए मुख्यमंत्री के अनुरोध पर केंद्रीय मंत्री ने आरओबी के लिए परीक्षण करने के निर्देश अफसरों को दिए। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि देहरादून रिंग रोड निर्माण कार्य के लिए एनएचएआई द्वारा संरेखण के अंतिमीकरण की कार्रवाई की जा रही हैै। मुख्यमंत्री ने जल्द स्वीकृति का अनुरोध केंद्रीय मंत्री से किया। गडकरी ने इस पर त्वरित कार्यवाही के लिए एनएचएआई को निर्देश दिये।
मुख्यमंत्री ने गडकरी से कुमाऊं से गढ़वाल मंडल को जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-87ई0 (109) (ज्योलीकोट से कर्णप्रयाग) और उत्तराखंड एवं हिमाचल को जोड़ने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-72बी0 (707) (फेडिज से सनैल) के 2-लेन में परिवर्तन के समरेखण प्रस्ताव पर शीघ्र अनुमोदन का अनुरोध किया। श्रीनगर शहरी क्षेत्र में अत्यधिक यातायात घनत्व को दृष्टिगत रखते हुये बाईपास निर्माण के लिए भी मुख्यमंत्री ने अनुरोध किया। केंद्रीय मंत्री ने इन तीनों योजनाओं की डीपीआर पर इस माह में स्वीकृति प्रदान करने का आश्वासन दिया।
मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से अनुरोध किया कि पिथौरागढ़ के जौलिंगकांग (व्यास घाटी) से बेदाग के मध्य 5 किमी टनल का निर्माण वेदांग से गो एवं सिपु तक 20 किमी मार्ग सहित करने से बीआरओ और सीपीडब्लूडी द्वारा निर्मित तवाघाट से वेदांग तक का मार्ग सुलभ हो जाएगा। यह जौलिंगकांग एवं बेदांग की दूरी 161 किमी कम कर देगा। सिपु से तोला के मध्य लगभग 22 किमी लंबाई की टनल का निर्माण करने से दारमा वैली तथा जोहार वैली एक दूसरे से कनेक्ट हो जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा, इन तीन टनल मार्गों एवं 20 किमी सड़क मार्ग के निर्माण से जौलिंगकांग से लप्थल की दूरी लगभग 42 किमी हो जाएगी, जो वर्तमान में 490 किमी है। मुख्यमंत्री ने गो गांव से आगे बेदांग तक मोटर मार्ग निर्माण एवं व्यास वैली में जौलिंगकांग से दारमा वैली के बेदांग गांव को जोड़ने हेतु दोनों ओर से लगभग 19 किमी लंबाई के मोटर मार्ग एवं लगभग तीन किमी लंबाई के टनल निर्माण का भी अनुरोध किया।
केंद्रीय मंत्री के साथ बैठक के दौरान कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, सचिव पीडब्लूडी डॉक्टर पंकज पांडेय भी उपस्थित थे।
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