May 18, 2025

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धामी सरकार ने किसानों से 3,100 मीट्रिक टन मंडुआ खरीदा

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राज्यभर में 270 केंद्रों के जरिए किसानों से हुई मंडुआ की खरीद

सरकार ने किसानों से 4,200 प्रति क्विंटल के मूल्य पर की खरीद

बेबाक दुनिया ब्यूरो

देहरादून। उत्तराखंड में कुछ समय पहले तक उपेक्षित रहने वाला मंडुआ अब हाथों हाथ बिक रहा है। राज्य की धामी सरकार ने ही इस साल कई सहकारी और किसान संघों के जरिए किसानों से 3,100 मीट्रिक टन से अधिक मंडुआ खरीदा है।

इसके अलावा राज्य सरकार ने इस साल किसानों को मंडुआ पर 4,200 प्रति क्विंटल का समर्थन मूल्य भी दिया है। प्रदेश के सीढ़ीदार खेतों में परंपरागत रूप से मंडुआ की खेती होती रही है, लेकिन कुछ साल पहले तक मंडुआ की फसल उपेक्षा का शिकार रहती थी, जिससे किसानों का भी मंडुआ उत्पादन के प्रति मोह भंग होने लगा था, लेकिन केंद्र और राज्य सरकार द्वारा अब मिलेट्स फसलों को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिससे प्रदेश में मंडुआ उत्पादक क्षेत्र के साथ ही उत्पादन भी बढ़ रहा है।

धामी सरकार ने मंडुआ उत्पादक किसानों को प्रोत्साहन देने के लिए सबसे पहले 2022 राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत के तहत न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किसानों से खरीदना शुरू किया। साथ ही लोगों तक मिलेट्स उत्पाद पहुंचाने के लिए सार्वजनिक वितरण प्रणाली से लेकर मिड-डे-मील और आंगनबाड़ी केंद्रों के पोषण कार्यक्रम में इसे शामिल किया गया। सरकार ने स्टेट मिलेट मिशन शुरू करते हुए उत्पादन बढ़ाने के साथ ही, मिलेट्स उत्पादों को अपनाने के लिए व्यापक प्रचार प्रसार, किसानों से खरीद से लेकर भंडारण तक की मजबूत व्यवस्था तैयार की।

वहीं, किसानों को बीज, खाद पर 80 प्रतिशत तक सब्सिडी दी गई। धामी सरकार ने दूरदराज के किसानों से मंडुआ खरीदने के लिए बहुउद्देशीय प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों और किसान उत्पादक संगठनों के सहयोग से जगह – जगह संग्रह केंद्र स्थापित किए। वर्ष 2020-21 में जहां इन केंद्रों की कुल संख्या 23 थी, जो 2024-25 में बढ़कर 270 हो गई है। इन केद्रों के जरिए इस साल प्रदेश के किसानों से 3100.17 मीट्रिक टन, मंडुआ की खरीद की गई, इसके लिए किसानों को 42.46 प्रति किलो की दर से समर्थन मूल्य दिया गया।

राज्य सरकार ने मंडुआ खरीद में सहयोग देने के लिए किसान संघों को 150 रुपये प्रति क्विंटल और बहुउद्देशीय प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों को प्रति केंद्र 50 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की। साथ ही सुनिश्चित किया कि किसानों का भुगतान 72 घंटे में कर दिया जाए। प्रदेश में 2021-22 में मंडुआ समर्थन मूल्य 2,500 प्रति क्विंटल था, जो 2024-25 में 4,200 प्रति क्विंटल हो गया है। इस तरह दो साल के अंतराल में ही समर्थन मूल्य 68 प्रतिशत बढ़ गया है।

किसानों तक इसका लाभ पहुंचने से मंडुआ उत्पादन क्षेत्र बढ़ रहा है। इसके साथ ही सरकार ओपन मार्केट और हाउस ऑफ हिमालय से भी मंडुआ उत्पादों को प्रोत्साहन दे रही है। उधर, प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, उत्तराखंड में मंडुआ परंपरागत तौर पर उगाया जाता है। पौष्टिक होने के साथ आर्गेनिक भी होता है। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा मिलेट्स उत्पादों को बढ़ावा देने के बाद भी मंडुआ की मांग बढ़ी है, इसलिए राज्य सरकार सीधे किसानों से मंडुआ खरीद करते हुए, उत्पादन बढ़ाने पर जोर दे रही है, जिसके अच्छे परिणाम सामने आने लगे हैं।

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