राजधानी के दून विश्वविद्यालय में प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन में मुख्यमंत्री ने की घोषणा
राज्य के विकास में योगदान देने के लिए प्रवासी उत्तराखंड़ियों से सीएम ने किया आह्वान
बेबाक दुनिया ब्यूरो
देहरादून। उत्तराखंड की संस्कृति अपने आप में विशिष्ट है। हमारे प्रवासी देश के कई राज्यों में अपनी भाषा और संस्कृति को बढ़ावा दे रहे हैं। राज्य में प्रवासी उत्तराखंड परिषद का गठन किया जाएगा।



उपरोक्त बात बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दून विश्वविद्यालय में प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन में प्रवासी उत्तराखंड़ियों का स्वागत करते हुए कही। मुख्यमंत्री ने सबसे पहले अल्मोड़ा में बस हादसे में जान गंवाने वालों को श्रद्धांजलि दी और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। कहा, उत्तराखंड की माटी से जुड़े प्रवासियों ने शिक्षा, अनुसंधान, ब्यूरोक्रेसी, फिल्म निर्माण, उद्योग, व्यापार समेत कई क्षेत्रों में राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है।
कहा, देश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान उत्तराखंड से हैं। भारत के प्रथम चीफ ऑफ डिफेंस विपिन रावत भी यहीं से थे। कहा, 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के प्रधानमंत्री नरेंद मोदी के संकल्प को पूर्ण करने में उत्तराखंड भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन से प्रदेश में शिक्षा, स्वास्थ्य, कनेक्टिविटी, पेयजल सहित सभी प्रमुख क्षेत्रों का इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत हो रहा है।
कहा, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन का कार्य तेजी से चल रहा। एयर कनेक्टिविटी को मजबूत बनाया जा रहा है। कहा, 30 से अधिक नई नीतियां लाकर उत्तराखंड को निवेश और रोजगार सृजन के लिए अनुकूल बनाया गया है। प्रदेश में विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में भी प्राथमिकता के साथ कार्य हो रहे हैं। कहा, प्रदेश के हित में कई कठोर एवं ऐतिहासिक निर्णय लिए गए हैं। यूसीसी का कानून राज्य में जल्द लागू होगा। देश का कड़ा नकल विरोधी कानून, धर्मांतरण रोधी कानून और दंगा रोधी कानून लागू किया गया है।
कहा, लैंड जिहाद के खिलाफ भी मुहिम चलाकर प्रदेश भर में 5000 एकड़ से अधिक सरकारी जमीन को अवैध कब्जे से मुक्त करवाया गया है। नीति आयोग द्वारा जारी सतत विकास के लक्ष्यों के इंडेक्स में उत्तराखंड को देश में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है। राज्य ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में एचीवर्स और स्टार्टअप रैंकिंग में लीडर्स की श्रेणी में है। एक वर्ष में बेरोजगारी दर 4.4 प्रतिशत कम हुई है। फिल्म निर्माण को बढ़ावा देने के लिए नई फिल्म नीति को मंजूरी दी है, जिसमें राज्य में फिल्मों की शूटिंग करने पर कई प्रकार की सब्सिडी का प्रावधान किया गया है।
‘सम्मेलन सभी को यहां की मिट्टी से पुनः जोड़ने का एक प्रयास’
कहा, पिछले तीन सालों में उन्हें देश के अनेक राज्यों में पर्वतीय समाज के लोगों से मिलने का अवसर मिला और उन्होंने महसूस किया कि हमारे प्रवासियों के भीतर बसा उत्तराखंड सदैव उनके साथ रहता है। कहा, सम्मेलन सभी को उत्तराखंड की मिट्टी से पुनः जोड़ने का प्रयास है। यह ऐसा समागम है जहां सभी प्रवासी भाई-बहन न सिर्फ राज्य के अधिकारियों संग संवाद कर सकेंगे, बल्कि कई राज्यों में निवासरत अन्य उत्तराखंडी प्रवासियों से भी मिलने का अवसर प्राप्त हो रहा है। आशा व्यक्त की कि यहां से निकलने वाला संदेश लाखों उत्तराखंडी प्रवासियों तक पहुंचेगा।
‘कम से कम वर्ष में एक बार अपने गांव जरूर आएं’
मुख्यमंत्री ने कहा, प्रवासी उत्तराखंड़ियों को प्रदेश की कई जानकारियां उपलब्ध कराने और समस्याओं को दूर करने के उद्देश्य से एक डेडीकेटेड वेबसाइट भी तैयार की जा रही है। सभी प्रवासियों से अपील की कि कम से कम वर्ष में एक बार अपने गांव और पैतृक घर पर जरूर आएं और अपनी विशेषज्ञता के हिसाब से क्षेत्र के विकास में योगदान दें। आपके सुझावों एवं कार्यों के आधार पर विशिष्ट नीतियां बनाकर कार्य किया जाएगा। उन्होंने आशा व्यक्त की कि आज होने वाले मंथन से जो अमृत निकलेगा, वह अवश्य ही उत्तराखंड को देश का श्रेष्ठ राज्य बनाने में सहायक सिद्ध होगा।
प्रवासी उत्तराखंड़ियों ने देश के कोने-कोने में बनाई अलग पहचान : निशंक
पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा, यह गौरवशाली क्षण है, प्रवासी उत्तराखंड़ियों ने अपने संघर्ष और परिश्रम के बल पर देश के कोने-कोने में अलग पहचान बनाई है। उत्तराखंड हर क्षेत्र में तेजी से प्रगति कर रहा है। राज्य में कार्य करने के लिए कई क्षेत्रों में संभावनाएं हैं। विधायक विनोद चमोली ने कहा, राज्य की स्थापना बड़े संघर्षों के बाद हुई। राज्य में कार्य करने के लिए अच्छा वातावरण है। कहा, हम सबको राज्य के विकास के लिए सामूहिक प्रयास करने होंगे।
देवभूमि प्रतिभाओं की धनी है : सुषमा
प्रवासी उत्तराखंडी और उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की मेयर सुषमा खरकवाल ने कहा, यह उनका सौभाग्य है कि उन्हें प्रवासी सम्मेलन में आने का मौका मिला। कहा, सबसे पहले मेरे लिए मातृभूमि उत्तराखंड है। यह देवभूमि प्रतिभाओं की धनी है। प्रवासी उत्तराखंडी और अभिनेत्री हिमानी शिवपुरी ने कहा, राज्य में क्षेत्रीय फिल्मों को बढ़ावा मिलना चाहिए। उत्तराखंड की लोक कला और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए इस तरह के आयोजन सेतु के रूप में कार्य करेंगे।
प्रवासियों का गांव गोद लेने वाला विचार सराहनीय : केंद्रीय वाणिज्य सचिव
प्रवासी उत्तराखंडी और भारत सरकार में सचिव वाणिज्य सुनील बर्थवाल ने कहा, प्रवासियों को अपने गांव को गोद लेने वाला विचार सराहनीय है। राज्य के लिए वे हर संभव सहयोग देंगे और मातृभूमि के विकास के लिए भागीदार बनेंगे। कहा, उत्तराखंड में जैविक उत्पाद के क्षेत्र में अनेक संभावनाएं हैं। इनकी मांग राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेजी से बढ़ी है। सामुहिक खेती से उत्तराखंड में जैविक उत्पादों को बढ़ाया जा सकता है।
हर क्षेत्र में राज्य कर रहा है प्रगति : पंत
प्रवासी उत्तराखंडी और राजस्थान के मुख्य सचिव सुधांश पंत ने कहा, प्रवासी उत्तराखंड़ियों को अपनी माटी से जोड़ने के लिए मुख्यमंत्री द्वारा सराहनीय पहल की गई है। राज्य में पर्यटन, ऊर्जा, वन संपदाओं, उद्योग के क्षेत्र में कार्य की अनेक संभावनाएं हैं। हर क्षेत्र में राज्य तेजी से प्रगति कर रहा है। कहा, अपनी मातृभूमि के लिए कार्य करने के लिए उन्हें जो भी अवसर मिलेगा, हमेशा उपस्थित रहेंगे।
ये रहे मौजूद
विधायक बंशीधर भगत, किशोर उपाध्याय, सविता कपूर, विधायक एवं प्रवासी उत्तराखंडी सुरेंद्र मैठाणी, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी आदि।
More Stories
ग्यारहवें ज्योर्तिलिंग बाबा केदार के कपाट खुले
गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट अक्षय तृतीया पर खुले
दून-सहारनपुर-मोहण्ड @ टनल रेल लाइन की गुजारिश