छह माह तक शीतकाल में मां यमुना के दर्शन और पूजा अर्चना खरसाली गांव के मंदिर में होंगे
बेबाक दुनिया ब्यूरो
देहरादून। उत्तराखंड के गढ़वाल मंडल के उत्तरकाशी जिले में स्थित यमुनोत्री धाम के कपाट रविवार को भइया दूज के दिन पूरे विधि विधान और मंत्रोच्चारण के बीच शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए।






चारधाम के पहले प्रमुख तीर्थ धाम यमुनोत्री के कपाट विशेष पूजा अर्चना के बाद रविवार को भइया दूज के दिन दोपहर बाद 12.50 बजे शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। अब छह महीने शीतकाल में मां यमुना के दर्शन और पूजा अर्चना शीतकालीन प्रवास खरसाली गांव में किए जाएंगे। इससे पहले रविवार को सुबह आठ बजे मां यमुना के भाई शनिदेव समेश्वर महाराज अपनी बहन को लेने यमुनोत्री धाम रवाना हुए थे।








इसके बाद धाम परिसर में सैकड़ों श्रद्धालुओं, स्थानीय देव डोलियों की मौजूदगी में मां यमुना मंदिर के कपाट बंद कर खरसाली गांव के लिए मां की डोली को रवाना किया गया। यहां पर ग्रामीणों ने मां यमुना की डोली का फूल मालाओं, धूप दीप नैवेद्य के साथ स्वागत किया। कपाट बंद के दौरान बाहरी राज्यों के श्रद्धालुओं की अपेक्षा स्थानीय लोगों अपने देव डोली व देवताओं के निषाण को लेकर धाम पहुंचे।
ये रहे मौजूद
पुरोहित महासभा अध्यक्ष पुरुषोत्तम उनियाल, यमुनोत्री विधानसभा क्षेत्र के विधायक संजय डोभाल, पुरोहित समाज के सुरेश उनियाल, मनमोहन उनियाल, प्यारे लाल उनियाल, भागेश्वर उनियाल, सुभाष उनियाल, गौरव उनियाल, आशीष उनियाल, कमल सिंह बिष्ट, महावीर पंवार, आनंद सिंह राणा, जसपाल परमार, सीओ सुरेंद्र सिंह भंडारी आदि।
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