May 17, 2025

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यूपी एसटीएफ ने लॉरेंस गैंग के बदमाश को किया ढेर

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एसटीएफ ने लॉरेंस बिश्नोई गैंग के शार्प शूटर को घेरा तो उसने चला दी गोली, जवाबी कार्रवाई में मारा गया

गोलीबारी में बुलेटप्रूफ जैकेट पहने चार पुलिसकर्मी बालबाल बचे, जैकेट न पहने होते तो हो सकता था नुकसान

बेबाक दुनिया ब्यूरो

लखनऊ। उत्तर प्रदेश स्पेशल टॉस्क फोर्स (यूपी एसटीएफ) ने मंगलवार की देर रात दो बजे मेरठ जिले के मुंडाली थाना क्षेत्र में हरियाणा निवासी लॉरेंस बिश्नोई गैंग के एक लाख के इनामी शार्प शूटर जितेंद्र उर्फ जीतू को मुठभेड़ में मार गिराया, जबकि उसके साथी भागने में सफल रहे। बदमाश के पास से एक पिस्टल और बाइक बरामद की गई है।

मुठभेड़ के दौरान चार पुलिसकर्मी बदमाश की गोलीबारी के चपेट में आए, लेकिन बुलेटप्रूफ जैकेट पहने होने से कोई जानमाल का नुकसान नहीं हुआ। एसटीएफ मेरठ के एसपी बृजेश सिंह ने बताया, जितेंद्र उर्फ जीतू हरियाणा प्रांत के झज्जर जिले के आसौंदा सिवान गांव का रहने वाला था। जीतू ने 2016 में झज्जर में ग्राम प्रधान रामबीर और उसके पिता की हत्या कर दी थी। इस मामले में जीतू को कोर्ट से उम्रकैद की सजा हुई थी। जीतू वर्ष 2023 में पैरोल पर बाहर आया था, तब से फरार चल रहा था।

बताया, जीतू ने गाजियाबाद में 23 अक्तूबर, 2023 को महमूदपुर में लालू नाम के व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर फरार हो गया था। उस पर गाजियाबाद पुलिस ने एक लाख का इनाम घोषित किया था। सूत्रों के मुताबिक, जीतू सुपारी किलर था और लालू की हत्या भी सुपारी लेकर की थी। हरियाणा की जेल में रहने के दौरान वह लॉरेंस बिश्नोई गैंग के संपर्क में आया था। तब से लॉरेंस के लिए काम करने लगा था। जितेंद्र के खिलाफ कई राज्यों में आठ मामले दर्ज हैं।

पुलिस के मुताबिक, बदमाशों ने पिस्टल के अलावा कार्बाइन से भी कई राउंड फायर किए। पुलिस ने बताया, हरियाणा से पैरोल पर फरार होने के बाद जितेंद्र पश्चिम यूपी में सक्रिय हो गया था। उसने गाजियाबाद-नोएडा के कई बिल्डर्स को रंगदारी के लिए धमकी दी थी। इसके बाद यूपी एसटीएफ इसके पीछे लग गई थी। बताया, मेरठ में किसी वारदात की फिराक में साथियों के साथ आया था।

“जितेंद्र को इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया था, लेकिन उसकी मौत हो गई। उसको दोहरे हत्याकांड में उम्रकैद की सजा हुई थी और 2023 में पैरोल पर बाहर आने के बाद से फरार चल रहा था। जेल में रहते हुए वह लॉरेंस बिश्नोई गैंग के संपर्क में आया था और गैंग के सदस्यों के साथ काम करना शुरू कर दिया था।” – अमिताभ यश, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, एसटीएफ

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