45 नवजात शिशुओं को सुरक्षित बाहर निकाला गया, सेना को भी बुलाया
मंडलायुक्त बोले, जिस वार्ड में आग लगी थी, वहां 55 नवजात थे भर्ती
बेबाक दुनिया ब्यूरो
लखनऊ। यूपी के झांसी के महारानी लक्ष्मी बाई मेडिकल कॉलेज के बाल रोग विभाग के एसएनसीयू वार्ड में शुक्रवार की देर रात आग लगने से जहां 10 नवजात शिशुओं की मौत हो गई, वहीं 45 शिशुओं को बचा लिया गया। जिस वार्ड में यह हृदयविदारक हादसा हुआ उसमें 55 नवजात भर्ती थे।






उधर, हादसे के बाद जहां यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 12 घंटे में घटना की रिपोर्ट तलब करते हुए जांच के आदेश दिए हैं, वहीं यूपी के डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक ने घटनास्थल का मौका मुआयना किया और बचाए गए शिशुओं का बेहतर से बेहतर इलाज करने का हुक्म दिया।
उधर, हादसे को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत विपक्षी दलों के नेता पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, मायावती आदि ने भी गहरा दुख जताते हुए जिम्मेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने को कहा। उधर, मेडिकल कॉलेज के बच्चों वाले वार्ड में आग लगने के बाद प्रशासन ने बिजली कटवा दी। साथ ही मौके पर जिलाधिकारी समेत सभी प्रशासनिक अधिकारी पहुंच गए।




सेना का दमकल वाहन भी मौके पर पहुंचा। इस दौरान 45 बच्चों का रेस्क्यू कर सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर डिप्टी सीएम एवं चिकित्सा मंत्री ब्रजेश पाठक व प्रमुख सचिव स्वास्थ्य शनिवार को झांसी पहुंचे, वहीं योगी ने झांसी के मंडलायुक्त और पुलिस उपमहानिरीक्षक को हादसे की जांच के निर्देश दिए हैं। सीएम ने जांच कर 12 घंटे में रिपोर्ट देने को भी कहा है।
उधर, हादसे की सूचना मिलते ही 15 दमकल की गाड़ियां मौके पर पहुंच गईं थीं। मौके पर मौजूद लोगों के मुताबिक, शुक्रवार की रात करीब पौने 10 बजे वार्ड से लोगों ने धुआं निकलता देखा और जब तक कुछ समझ पाते आग की लपटें उठने लगीं और पूरे वार्ड को अपनी जद में ले लिया। वार्ड में भर्ती शिशुओं को बाहर निकालने की कोशिश हुई, लेकिन धुआं एवं दरवाजे पर आग से समय पर बाहर नहीं निकाले जा सके।
उधर, सीएमएस सचिन माहौर ने बताया, एनआईसीयू वार्ड में 55 बच्चे भर्ती थे। अचानक ऑक्सीजन कंसंट्रेटर के अंदर आग लग गई। आग बुझाने के प्रयास किए गए, लेकिन कमरा ऑक्सीजनयुक्त था, इसलिए आग फैली। 10 बच्चों की मौत हो गई। वहीं, मंडलायुक्त बिमल कुमार दुबे ने बताया, जिस वार्ड में आग लगी थी, वहां 55 नवजात भर्ती थे। 45 नवजात को सुरक्षित निकाल लिया गया है, जिनका इलाज चल रहा है।
आग लगने के कारणों का पता नहीं
वार्ड में आग कैसे लगी, साफ नहीं हो पाया है। फायर ब्रिगेड के अफसर के मुताबिक, बिजली की ओवर लोडिंग से आग लगने की संभावना है। कुछ लोग वार्ड में सिलिंडर फटने की बात भी कह रहे हैं। दमकल कर्मियों के मुताबिक, अभी वार्ड में धुआं भरा है, जिससे काम करने में दिक्कत हो रही है। मेडिकल कॉलेज में आग लगने के दौरान वहां का फायर अलार्म नहीं बजा। अलार्म बजता तो शायद इतना बड़ा हादसा न होता। साथ ही वार्ड में लगे फायर से बचाव के उपकरण भी किसी काम नहीं आए।
धुएं से ढक गया था मुख्य द्वार
वार्ड में लगी आग की लपटें दूर-दूर तक दिखाई दे रहीं थीं और मुख्य द्वार धुएं से ढक गया था, जिससे कोई वार्ड के अंदर नहीं जा पा रहा था। दमकल विभाग के कर्मियों ने वार्ड की खिड़की का कांच तोड़कर आग पर काबू पाया और मेडिकल कॉलेज के स्टाफ संग बच्चों को बाहर निकाला। इनमें से ज्यादातर बच्चे झुलसे हुए थे।
डीएम बोले, संभवतया शॉर्ट सर्किट से लगी आग
झांसी के जिलाधिकारी अविनाश कुमार के मुताबिक, रात करीब साढ़े 10 बजे मेडिकल कॉलेज के कर्मचारियों ने आग लगने की सूचना दी। बताया, नीकू वार्ड में दो यूनिट होते हैं, जिसमें अंदर की तरफ क्रिटिकल बच्चों और बाहर की तरफ कम क्रिटिकल बच्चों को रखा जाता है। अंदर वाले यूनिट में संभवतया शॉर्ट सर्किट से आग लगी है।
यूपी सरकार और प्रधानमंत्री ने की राहत की घोषणा
बच्चों को गंवाने वाले परिजनों को यूपी सरकार ने पांच-पांच लाख रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की है। साथ ही झुलसे बच्चों के परिजनों को 50-50 हजार रुपये की सहायाता देने का भी एलान किया है। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी पीएम राहत कोष से भी मुआवजे का एलान किया है।
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