May 19, 2025

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यूसीसी लागू करने वाला उत्तराखंड बना देश का पहला राज्य

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सोमवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने समान नागरिक संहिता की अधिसूचना का किया अनावरण

यूसीसी पोर्टल का भी किया शुभारंभ, पोर्टल पर सबसे पहले कराया अपने विवाह का पहला पंजीकरण

बेबाक दुनिया ब्यूरो

देहरादून। अब प्रदेश में प्रति वर्ष 27 जनवरी को समान नागरिक संहिता (यूसीसी) दिवस के रूप में मनाया जाएगा। धारा 370, तीन तलाक, राम मंदिर को लेकर जितने भी संकल्प लिए गए थे, वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पूरे भी किए गए हैं।

उपरोक्त बात सोमवार को सीएम आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू होने की अधिकारिक घोषणा करते हुए कही। सीएम धामी ने यूसीसी की अधिसूचना का अनावरण, यूसीसी पोर्टल ucc.uk.gov.in का शुभारंभ और यूसीसी नियमावली बुकलेट का विमोचन भी किया। कहा, आज का दिन सिर्फ उत्तराखंड के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए ऐतिहासिक है। आज से प्रदेश में समाज में समानता स्थापित करने के लिए यूसीसी लागू हो गई है।

कार्यक्रम के दौरान यूसीसी पोर्टल पर धामी ने सबसे पहले अपने विवाह का पंजीकरण कराया, जिसका प्रमाणपत्र मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सौंपा। धामी ने यूसीसी के तहत सबसे पहले पंजीकरण कराने वाले पांच आवेदकों को प्रमाणपत्र प्रदान किए। कहा, प्रदेशवासियों के सामने यूसीसी पूर्ण रूप से लागू करने की घोषणा कर रहे हैं। साथ राज्य में प्रत्येक नागरिक के संविधानिक और नागरिक अधिकार एक समान हो गए हैं। सभी धर्म की महिलाओं को भी समान अधिकार मिल गए हैं।

कहा, उत्तराखंड में यूसीसी का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए विशेषज्ञ कमेटी ने प्रदेश के 2.35 लाख लोगों से संपर्क साधा। उत्तराखंड में यूसीसी लागू करके राज्य सरकार संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ. बीआर अंबेडकर सहित संविधान सभा के सभी सदस्यों को सच्ची श्रद्धांजलि दे रही है। कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में उत्तराखंड में यूसीसी लागू हो पाई है, इसके लिए धामी ने प्रधानमंत्री और गृह मंत्री का आभार जताया।

कहा, यूसीसी किसी भी धर्म या पंथ के खिलाफ नहीं है। समाज की कुप्रथाओं को मिटाकर, समानता से समरता कायम करने का कानूनी प्रयास है। इसमें किसी की भी मूल मान्यताओं और प्रथाओं को नहीं बदला गया है। कहा, विश्व के प्रमुख मुस्लिम और विकसित देशों में पहले से ही यूसीसी लागू है। इस कानून द्वारा सभी लोगों के लिए विवाह, विवाह विच्छेद, उत्तराधिकार के नियमों को समान किया गया है। सभी धर्म के लोग अपने-अपने रीति रिवाजों से विवाह कर सकते हैं।

लेकिन, अब सभी धर्मों में लड़कों के लिए विवाह की न्यूनतम उम्र 21, लड़कियों की 18 कर दी गई है। साथ ही पति या पत्नी के रहते दूसरे विवाह को प्रतिबंध किया गया है। बाल अधिकारों को संरक्षित किया गया है, साथ ही बेटियों को संपत्ति में समान अधिकार दिए गए हैं। मृतक की संपत्ति में पत्नी, बच्चे और माता-पिता को समान अधिकार दिए गए हैं। वर्तमान समय को देखते हुए, लिव इन के लिए पंजीकरण अनिवार्य किया गया है, युगल की सूचना रजिस्ट्रार माता-पिता या अभिभावक को देगा। यह जानकारी पूरी तरह गोपनीय रहेगी।

कहा, लिव इन से पैदा बच्चों को भी समान अधिकार दिए गए हैं। मुख्यमंत्री धामी ने कहा, यूसीसी लागू करने के लिए सरलीकरण के मूलमंत्र पर चलते हुए ऑनलाइन पंजीकरण की व्यवस्था की गई है, साथ ही स्पष्ट नियमावली भी लागू कर दी गई है। कहा, उत्तराखंड में विस चुनाव के दौरान 12 फरवरी 2022 को उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू करने का संकल्प लिया था। तब नया दायित्व मिला था, इसके सात माह बाद ही विधानसभा चुनाव में उतरना पड़ा।

कहा, उत्तराखंड के इतिहास में पहली बार दोबारा भाजपा की सरकार बनी। सरकार बनने के बाद पहला निर्णय प्रदेश में समान नागरिक संहिता लागू करने को लेकर लिया गया। कहा, यूसीसी जाति, धर्म, लिंग के आधार पर कानूनी भेदभाव समाप्त करने का संविधानिक उपाय है, इसके जरिए सभी नागरिकों को समान अधिकार देने का प्रयास किया गया है। इससे महिला सुरक्षा और सशक्तिकरण सुनिचित हो सकेगा। साथ ही हलाला, तीन तकाल, इद्दत जैसी कुप्रथाओं पर रोक लगेगी।

कहा, अनुसूचित जनजातियों को इसके दायरे से बाहर रखा गया है। इससे उनके रीति रिवाजों का संरक्षण हो सकेगा। जिन पंजीकृत व्यक्तियों का विवाह यूसीसी के लागू होने से पूर्व पंजीकृत हुआ हो या तलाक की डिक्री घोषित हुई हो या विवाह निरस्त हुआ हो, उनसे पहले छह महीने में रजिस्ट्रेशन शुल्क नहीं लिया जाएगा। यूसीसी नियमावली समिति के अध्यक्ष शत्रुघ्न सिंह ने यूसीसी नियमावली के बारे में विस्तार से जानकारी दी, जबकि सचिव शैलेश बगोली ने धन्यवाद दिया।

ये रहे मौजूद

कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, गणेश जोशी, सुबोध उनियाल, रेखा आर्या, सौरभ बहुगुणा, राज्यसभा सांसद और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट, राज्य सभा सांसद नरेश बंसल, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, यूसीसी नियमावली समिति के सदस्य शत्रुघ्न सिंह, प्रो. सुरेखा डंगवाल, मनू गौड़, अजय मिश्रा आदि मौजूद थे।

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