बेबाक दुनिया ब्यूरो
देहरादून। राजाजी टाइगर रिजर्व पार्क और कालागढ़ टाइगर रिजर्व के दो जोन शुक्रवार को सुबह जंगल सफारी के लिए पर्यटकों के लिए खोल दिए गए। इस दौरान पार्क के अफसरों और कर्मियों ने फूल बरसाकर पर्यटकों का स्वागत किया।



जंगल सफारी अगले साल मार्च माह तक संचालित की जाएगी। जैव विविधता से संपन्न राजाजी टाइगर रिजर्व पार्क के पर्यटक रेंजों के द्वार शुक्रवार को सुबह सैलानियों के लिए खोल दिए गए। ऋषिकेश और हरिद्वार के बीच स्थित मोतीचूर में सुबह सात बजे पूजा अर्चना के बाद वन्य जीव प्रतिपालक हरीश नेगी ने रिबन काटकर पर्यटकों के लिए गेट खोला।



इस दौरान जंगल सफारी के लिए आए रक्षा मंत्रालय नई दिल्ली के 60 सदस्यीय दल को वनकर्मियों ने तिलक लगा और फूलमाला पहनाकर स्वागत किया। पर्यटकों के स्वागत के लिए गेट को फूलमालाओं से सजाया गया था। वन्य जीव प्रतिपालक हरीश नेगी के मुताबिक, पार्क में हाथी, गुलदार, हिरण, चीतल, सांभर, मोर के अलावा कई अन्य वन्य जीवों और पक्षियों को भी देखा जा सकता है।
बताया, राजाजी टाइगर रिजर्व में हाथियों के साथ-साथ अब बाघ भी अच्छी खासी संख्या में मौजूद हैं। सैलानी इनका दीदार पार्क की चीला, मोतीचूर व हरिद्वार रेंज में कर सकते हैं। यहां जिम कॉर्बेट पार्क से पांच बाघ शिफ्ट किए गए जा चुके हैं। बताया, इस बार शुल्क की दरों में किसी भी प्रकार का बदलाव नहीं किया गया है।
बताया, पिछले साल की तरह इस साल भी अपने देश के पर्यटक से 150 रुपये और विदेशी पर्यटकों से 600 रुपये शुल्क लिया जाएगा, जबकि वाहनों का किराया भी अपने देश के लिए 250 रुपये और विदेशी वाहन के लिए 500 रुपये प्रवेश शुल्क होगा। बताया, छात्रों के लिए आधा शुल्क माफ होगा। वन विश्राम भवन में एक रात रुकने का शुल्क 1,000 रुपये निर्धारित है।
उधर, शुक्रवार को सुबह कार्बेट टाइगर रिजर्व के अंतर्गत आने वाले कालागढ़ टाइगर रिजर्व के दो जोन वातनवासा और पाखरो भी पर्यटकों के लिए खोल दिए गए हैं। दोनों स्थानों पर वन अधिकारियों ने पर्यटकों का स्वागत कर वन क्षेत्र में प्रवेश कराया।
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