May 18, 2025

BebakDuniya

साथ सच का

‘विकसित, आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में सिविल सेवकों की अहम भूमिका’

Spread the love

गृह मंत्री शाह ने किया मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी के दीक्षांत समारोह को संबोधित

बोले, सार्वजनिक जीवन में जाने के बाद अफसरों को लोगों के जीवन को आगे बढ़ाने के प्रयास करने चाहिए

बेबाक दुनिया ब्यूरो

देहरादून। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने बृहस्पतिवार को मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी में 99वें फाउंडेशन कोर्स के दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा, आज यहां एक विकसित और आत्मनिर्भर भारत का निर्माण करने वाले शिल्पियों का समूह मौजूद है, जो अभ्यास, कर्मठता और ऊर्जा से लबरेज़ है।

कहा, प्रधानमंत्री मोदी ने लक्ष्य रखा कि 2047 में जब देश की आज़ादी की शताब्दी मनाई जाएगी, उस वक्त भारत दुनिया में हर क्षेत्र में सर्वप्रथम होगा। कहा, अगले 25 वर्षों में एक विकसित और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण की दिशा में युवा अधिकारियों द्वारा किए जाने वाले कार्य देश को आज़ादी दिलाने वाले महापुरुषों के सपनों को साकार करने में योगदान देंगे। यह मिशन तभी सफल होगा, जब सभी 140 करोड़ देशवासी एकजुट होकर इसे साकार करेंगे।

शाह ने कहा, हमें मिलकर एक ऐसे भारत का निर्माण करना है, जिसमें सभी देशवासी आत्मसम्मान और सभी सुविधाओं के साथ अगली पीढ़ी का नेतृत्व करें। कहा, केवल भारत को हर क्षेत्र में प्रथम बनाने से विकसित भारत का सपना साकार नहीं होगा, बल्कि यह स्वप्न तभी साकार होगा, जब 140 करोड़ लोग पूरी ताकत के साथ आगे बढ़ेंगे और समान अवसर प्राप्त करेंगे।

कहा, सार्वजनिक जीवन में जाने के बाद अधिकारियों को लोगों के जीवन को आगे बढ़ाने के प्रयास करने चाहिए। आप जिस भी जिले में जाएं अलग-अलग पड़े डाटा को एआई की मदद से एक साथ लाने का काम करना चाहिए। कहा, विकास आंकड़ों से नहीं, बल्कि परिणाम से होता है। कहा, कोई भी गतिविधि आइसोलेशन में नहीं परिणाम दे सकती, इसलिए होल ऑफ गवर्नमेंट एप्रोच के साथ काम करने पर ही सफलता प्राप्त होगी।

कहा, सामाजिक समरसता की दिशा में भी हमें होल ऑफ गवर्नमेंट एप्रोच के साथ काम करना होगा, क्योंकि जब तक हर व्यक्ति को समान अवसर नहीं मिलेगा, देश विकास की राह पर नहीं बढ़ सकता। आज उपस्थित चयनित सिविल सेवा अधिकारियों में 38 प्रतिशत महिलाएं हैं। जब तक देश की 50 फीसदी जनसंख्या नीति निर्धारण संबंधी निर्णयों में शामिल नहीं होंगी, तब तक प्रधानमंत्री मोदी द्वारा दिया गया वूमेन लेड डेवलपमेंट का कंसेप्ट पूरा नहीं होगा।

शाह ने कहा, सरकार का काम नीति बनाना है, लेकिन इन पर अमल करना अफसरों का काम है। नीतियों पर अमल स्पिरिट के बिना संभव नहीं है। नीतियों को सही तरीके से क्रियान्वित करना और सही दिशा में संवेदनशीलता के साथ लागू करना उनकी जिम्मेदारी है। शाह ने कहा, अफसरों का काम सरकार को रिएक्टिव नहीं, बल्कि प्रो एक्टिव बनाने का है।

कहा, विकास को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाना और सुनिश्चित करना कि हर घर में शौचालय, बिजली और अन्य आवश्यक सुविधाएं पहुंचे, यह अधिकारियों का दायित्व है। कहा, प्रगति वही कर सकता है, जिसके अंदर आखिरी सांस तक छात्र बनकर सीखने की भावना जिंदा रहती है।

जीएसटी हमारे देश के आर्थिक विकास की धुरी

कहा, बड़े- बड़े अर्थशास्त्री यह मानते थे कि जीएसटी भारत में सफल नहीं होगा, लेकिन आज जीएसटी हमारे देश के आर्थिक विकास की धुरी है। कहा, मेक इन इंडिया आने वाले दिनों में देश का गौरव बनने वाला है, क्योंकि भारत आज दुनियाभर के विनिर्माण क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। मोदी सरकार ने पिछले 10 साल में भारत में 25 करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से बाहर निकाला है।

नई शिक्षा नीति प्रतिस्पर्धा करने का मंच प्रदान करेगी

कहा, केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा लाई गई नई शिक्षा नीति भारत के युवाओं को दुनियाभर के युवाओं के साथ प्रतिस्पर्धा करने का मंच प्रदान करेगी। प्राथमिक शिक्षा को मातृभाषा में सुनिश्चित करने से बच्चों के समझने और तर्क करने की क्षमता बढ़ती है।

मार्च, 2026 तक नक्सलवाद को पूरी तरह समाप्त कर देंगे

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, जम्मू और कश्मीर में आतंकवाद, वामपंथी उग्रवाद, पूर्वोत्तर में उग्रवाद और नारकोटिक्स हमारे देश के चार नासूर थे। मोदी सरकार की सख्त नीतियों के कारण गत 10 वर्षों में हमें इन चारों क्षेत्रों में बड़ी सफलताएं हासिल हुई हैं। दोहराया, 31 मार्च, 2026 तक नक्सलवाद को पूरी तरह समाप्त कर दिया जाएगा। कहा, जब तक हम स्वतंत्र है भारत के स्वतंत्र नागरिक होने का आत्मविश्वास और हमारे इतिहास तथा परंपरा के गौरव की भावना को महसूस नहीं करते, तब तक हम भारत को महान नहीं बना सकते हैं।

मोदी सरकार ने अंग्रेजों के कानून खत्म किए

कहा, मोदी सरकार अंग्रेज़ों द्वारा बनाए गए डेढ़ सौ साल पुराने कानूनों के स्थान पर तीन नए आपराधिक कानून लेकर आई है। कहा, इन नए कानूनों के पूरी तरह लागू होने के बाद देश में कहीं से भी दर्ज होने वाली एफआईआर के मामले में तीन साल के अंदर सुप्रीम कोर्ट तक न्याय मिल जाएगा। कहा, नए कानूनों में तकनीक के उपयोग से दोष सिद्धि की दर अगले 10 साल में 90 प्रतिशत तक पहुंच जाएगी और न्याय प्रणाली दुनिया की सबसे आधुनिक न्याय प्रणाली बन जाएगी।

Loading

About The Author


Spread the love