May 17, 2025

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शीतकाल के लिए द्वितीय केदार मद्महेश्वर के कपाट बंद

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ढाई सौ से अधिक थे मौजूद, कपाट बंद होने के बाद सुबह भगवान मद्महेश्वर की उत्सव डोली पड़ाव गौंडार को हुई प्रस्थान

बेबाक दुनिया ब्यूरो

देहरादून। उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित पंचकेदारों में प्रतिष्ठित द्वितीय केदार मद्महेश्वर मंदिर के कपाट 20 नवंबर को सुबह शुभ मुहूर्त पर शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। इस अवसर पर मंदिर को फूलों से सजाया गया था।

कपाट बंद होने के बाद भगवान की उत्सव डोली और देव निशानों ने ढोल-दमाऊं समेत बाबा के जय उद्घोष के साथ प्रथम पड़ाव गौंडार को प्रस्थान किया। इस अवसर पर ढाई सौ से अधिक श्रद्धालु मौजूद रहे। भगवान मद्महेश्वर के कपाट बंद होने पर बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं दी, जबकि बीकेटीसी के उपाध्यक्ष किशोर पंवार ने मद्महेश्वर मंदिर के कपाट बंद होने पर खुशी जताई।

बीकेटीसी के मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल ने बताया, 18 हजार से अधिक तीर्थयात्रियों ने मद्महेश्वर के दर्शन किए। कपाट बंद से एक दिन पहले मद्महेश्वर मंदिर में यज्ञ- हवन किया गया था। 20 नवंबर को सुबह प्साढ़े चार बजे मंदिर खुल गया था। प्रात कालीन पूजा के बाद श्रद्धालुओं ने भगवान मद्महेश्वर के दर्शन किए। इसके बाद मंदिर गर्भगृह में कपाट बंद की प्रक्रिया शुरू हुई।

मद्महेश्वर के स्वयंभू शिवलिंग को श्रृंगार रूप से समाधि स्वरूप में ले जाया गया। शिवलिंग को स्थानीय पुष्पों, फल पुष्पों, अक्षत से ढक दिया गया। इसके बाद पुजारी टी गंगाधर लिंग ने प्रभारी अधिकारी यदुवीर पुष्पवान की मौजूदगी में शुभ मुहूर्त में मंदिर के कपाट बंद किए। कपाट बंद होने के बाद मंदिर समिति के कर्मचारियों और श्रद्धालुओं संग मंदिर की परिक्रमा भगवान मद्महेश्वर की डोली ने पुरातन वर्तनों और सामग्री का निरीक्षण किया।

बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ ने बताया, 20 नवंबर को कपाट बंद होने के बाद भगवान मद्महेश्वर की चल विग्रह डोली रात्रि विश्राम हेतु गौंडार पहुंचेगी। 21 नवंबर को राकेश्वरी मंदिर में प्रवास और 22 नवंबर को गिरिया प्रवास करेगी। 23 नवंबर को गिरिया से चलकर भगवान मद्महेश्वर की चलविग्रह डोली अपने देव निशानों के साथ शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में विराजमान हो जाएगी।

इसी के साथ ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में भगवान मद्महेश्वर की शीतकालीन पूजाएं शुरू हो जाएंगी। 23 नवंबर को ही मद्महेश्वर मेला भी आयोजित होता है। बड़ी संख्या में श्रद्धालुजन मद्महेश्वर के दर्शन हेतु पहुंचते हैं। प्रभारी अधिकारी यदुवीर पुष्पवान तथा ओंकारेश्वर मंदिर प्रभारी रमेश नेगी ने बताया, मेले के लिए ओंकारेश्वर मंदिर मंदिर ऊखीमठ को फूलों से सजाया जा रहा है।

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