यूथ रेडक्रास के डीएवी पीजी कॉलेज में आपदा प्रबंधन के प्रशिक्षण में बोले
कहा, युवाओं को आपदा प्रबंधन का प्रशिक्षण राष्ट्रहित में लेना बेहद जरूरी
बेबाक दुनिया ब्यूरो
देहरादून। युवाओं को उत्तराखंड के सर्वाधिक संवेदनशील विषय आपदा प्रबंधन का प्रशिक्षण समाज और राष्ट्रहित में लेना बेहद जरूरी है। विशेषकर भूगर्भ वैज्ञानिकों की आशंका पर उत्तराखंड में लगभग आठ रिक्टर स्केल का भूकंप किसी भी क्षण आ सकता है, जो बड़ी तबाही का कारण बन सकता है।

उपरोक्त बात रविवार को राजधानी स्थित डीएवी पीजी कॉलेज के दीनदयाल उपाध्याय सभागार में एक दिवसीय विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम के प्रथम चरण में छात्र-छात्राओं को आपदा प्रबंधन का प्रशिक्षण प्रदान करने के दौरान नेशनल डिजास्टर वाटसन रिस्पांस टीम, नई दिल्ली के सदस्य और यूथ रेडक्रास के मास्टर ट्रेनर आपदा प्रबंधन डॉ. अनिल वर्मा ने कही। कहा, भूकंप से पूर्व, भूकंप के दौरान और भूकंप आने के बाद की तैयारी जान-माल की क्षति को न्यूनतम करने की दिशा में प्रशिक्षण दूरदर्शी कदम होगा।
कहा, स्वयं का सामाजिक विकास समाज के आदर्शों, अपेक्षाओं और जरूरतों के अनुरूप अपनी क्षमताओं का उपयोग करते हुए स्वहित और समाज के हित में सामंजस्य स्थापित करते हुए कार्य करना है। इस दौरान उन्होंने भूकंप से पूर्व जर्जर भवनों अथवा दरार पड़ी छतों व दीवारों को समय रहते ठीक कराने, भूकंप के दौरान सिर को बचाने और संयमपूर्वक घर से बाहर निकलकर सुरक्षित स्थान पर खड़े होने, भूकंप के बाद बिल्डिंगों व भवनों में फंसे घायलों को सर्च एंड रेस्क्यू के तहत् सुरक्षित निकालकर उपचार हेतु ले जाने के इमरजेंसी मेथड्स ऑफ रेस्क्यू का प्रायोगिक प्रशिक्षण प्रदान किया।

डॉ. वर्मा ने बताया, आपदा प्रबंधन के दूसरे चरण में अग्निशमन और तीसरे चरण में प्राथमिक चिकित्सा एवं हार्ट अटैक से संबंधित कार्डियो पल्मोनरी रीससिटेशन (सीपीआर) का विधिवत सैद्धांतिक और व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। इससे पूर्व प्रशिक्षण शिविर का शुभारंभ डीन ऑफ साइंस एंड बाॅटनी विभागाध्यक्ष प्रो. एसपी जोशी के संबोधन से हुआ। उन्होंने छात्रों से व्यक्तित्व के सामाजिक विकास के लिए स्वयं को समझने, दूसरों की भावनाओं और जरूरतों को समझने, राष्ट्र एवं समाज में सकारात्मक भूमिका निभाने का आह्वान किया।
ये रहे मौजूद
मेजर (डॉ.) अतुल सिंह , डॉ. एमएम जुवांठा, डॉ. पीके शर्मा, डॉ. डीके गुप्ता, डॉ. अशोक श्रीवास्तव, डॉ. शिखा सक्सेना, डॉ. मनोज जादौन, डॉ. एसवी त्यागी, डॉ. प्रदीप जोशी, डॉ. एमएम जस्सल, डॉ. नैना श्रीवास्तव, डॉ. रीना वर्मा, डॉ. अनिल पाल, डॉ. जीएस चौहान, डॉ. प्रशांत सिंह, रेस्क्यू टीम लीडर आयुषी, प्रोफेसर शशि किरन सोलंकी, डॉ. जेवीएस रौथाण और डॉ. सुंदर सिंह रंसवाल आदि।
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