बोलीं, मैं बचपन से ही साध्वी रही हूं और आगे भी साध्वी बनकर रहूंगी
बेबाक दुनिया डेस्क
महाकुंभ नगर। महाकुंभ के दौरान प्रयागराज में किन्नर अखाड़े से 17 दिन पहले महामंडलेश्वर बनाई गईं पूर्व बॉलीवुड एक्ट्रेस ममता कुलकर्णी ने काफी विरोध और विवादों के चलते आखिरकार अपने पद से इस्तीफा दे दिया। इस्तीफा देने की घोषणा उन्होंने इंस्टाग्राम पर वीडियो पोस्ट कर की।

ममता कुलकर्णी ने कहा, किन्नर अखाड़े में मुझे लेकर विवाद है। इसके चलते मैं किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर पद से इस्तीफा दे रही हूं। मैं 25 साल से साध्वी हूं और आगे भी साध्वी रहूंगी। गौरतलब हो कि, 24 जनवरी को प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में ममता को किन्नर अखाड़े ने महामंडलेश्वर पद की पदवी दी थी। साथ ही संगम में स्नान के बाद उनका पिंडदान करा पट्टाभिषेक किया गया था। इसके अलावा ममता को नया नाम श्रीयामाई ममता नंदगिरि किया गया था। करीब सात दिन तक ममता महाकुंभ में ही रहीं।
लेकिन, ममता को महामंडलेश्वर बनाए जाने पर योग गुरु बाबा रामदेव, बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री, स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने विरोध जताया था। ममता पर आरोप भी लग रहे थे कि उन्होंने महामंडलेश्वर की पदवी 10 करोड़ रुपये देकर हासिल की है। हालांकि, अब ममता का दावा है कि दो लाख रुपये मांगे गए थे, जो महामंडलेश्वर जय अंबा गिरी ने अखाड़े की आचार्य लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को दिए थे।
वीडियो में ममता ये भी कहती नजर आईं, मेकअप और बॉलीवुड से इतनी दूर कौन रहता है, लेकिन मैंने 25 साल तपस्या की। खुद गायब रही। मुझे लेकर लोग प्रतिक्रिया देते हैं कि ये क्यों करती हूं या वो क्यों करती हूं। नारायण तो सब संपन्न हैं। वो सब प्रकार के आभूषण पहनकर, धारण कर महायोगी हैं, भगवान हैं। कोई देवी देवता आप देखोगे किसी प्रकार के श्रृंगार से कम नहीं और मेरे सामने सब आए थे, इसी श्रृंगार में आ गए थे।
ममता ने कहा, एक शंकराचार्य ने कहा कि ममता दो अखाड़ों के बीच में फंस गई, लेकिन मेरे गुरु स्वामी चैतन्य गगन गिरी महाराज हैं। जिनके सानिध्य में 25 साल तपस्या की है। उनकी बराबरी में मुझे कोई और नहीं दिखता। मेरे गुरु बहुत ऊंचे हैं। सब में अहंकार है। आपस में झगड़ रहे हैं। मुझे कैलाश या हिमालय में जाने की जरूरत नहीं है। सब ब्रह्मांड मेरे सामने है। 25 साल चंडी की आराधना की है। उसी ने मुझे संकेत दिया कि मुझे इन सबसे बाहर होना चाहिए।
ममता ने पांच मिनट के वीडियो संदेश में कहा, आखिरकार महामंडलेश्वर बनने से तमाम लोगों को दिक्कत क्यों हो रही हैं, क्यों लोगों ने कोहराम मचा कर रख दिया है। मुझे लगता है कि मुझ पर बेवजह निशाना साधा जा रहा है। इसी से परेशान होकर वह अब महामंडलेश्वर की पदवी छोड़ रही हैं। ममता का जन्म 20 अप्रैल 1972 को मुंबई में हुआ था। उन्होंने 1992 में आई फिल्म तिरंगा से हिंदी सिनेमा में कदम रखा था।
किन्नर अखाड़े के संस्थापक ने ममता को किया था निष्कासित
किन्नर अखाड़े के संस्थापक अजय दास ने ममता कुलकर्णी को कुछ दिनों पहले महामंडलेश्वर पद से निष्कासित कर दिया था। इतना ही नहीं उनके साथ लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को भी आचार्य महामंडलेश्वर के पद से हटा दिया था। महामंडलेश्वर पद से हटाने पर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने कहा था कि अजय दास अखाड़े से निकालने वाले कौन होते हैं, उन्हें (अजय दास) तो 2017 में अखाड़े से निकाल दिया गया था।

“मैंने 25 साल पहले बॉलीवुड छोड़ दिया और फिर मैं गायब हो गई और हर चीज से दूर हो गई। मैं जो कुछ करती हूं, उस पर लोगों की बहुत ज्यादा प्रतिक्रियाएं होती हैं। महामंडलेश्वर के रूप में जो सम्मान मिला, वह 25 साल तक तैराकी सीखने और बच्चों को इसे सिखाने जैसा था, लेकिन महामंडलेश्वर के रूप में मेरी नियुक्ति के बाद जो आक्रोश हुआ, वह गैरजरूरी था।” -ममता कुलकर्णी, एक्स बॉलीवुड एक्ट्रेस
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