पीएमजीएसवाई से छोटी बसावटों को भी लाभ, प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना चौथे चरण के लिए सर्वे पूरा
उत्तराखंड की 250 की आबादी वाली बसावटों को भी सड़क मार्ग से जोड़ने का काम हो गया शुरू
बेबाक दुनिया ब्यूरो
देहरादून। उत्तराखंड में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के तहत न्यूनतम 250 तक की आबादी वाली बसावटों को बारहमासी सड़क से जोड़ने का काम शुरू हो गया है। केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत चौथे चरण की गाइडलाइन जारी कर दी है।

योजना के तहत अब उत्तराखंड ग्राम्य विकास विभाग ने 8,750 किमी लंबी 1,490 सड़कों के निर्माण का सर्वे पूरा कर लिया है। देश में सड़कविहीन गांवों के लिए केंद्र सरकार ने वर्ष 2000 में पीएमजीएसवाई योजना शुरू की थी। योजना के तीन चरण पूरे हो चुके हैं। अब केंद्र सरकार ने योजना के तहत चौथे चरण की गाइडलाइन भी जारी कर दी है, जिसके तहत 2011 की जनगणना के आंकड़ों के आधार पर न्यूनतम 250 तक की आबादी वाली सभी बसावटों को सड़क से जोड़ा जाना है।

इस गाडइलाइन के आधार पर उत्तराखंड में 8,750 किमी लंबी, 1,490 ग्रामीण सड़कों का सर्वे पूरा हो चुका है। इस बाबत प्रदेश की ग्राम्य विकास सचिव राधिका झा ने बताया, सर्वे के बाद इन सड़कों के लिए डीपीआर बनाने का काम भी शुरू कर दिया गया है, जिसे अंतिम मंजूरी के लिए जल्द केंद्र सरकार के पास भेजा जाएगा। बताया, सड़कों के साथ ही जरूरत के अनुसार पुलिया, कॉजवे और बड़े पुलों का भी निर्माण किया जाएगा।

बताया, योजना की गाइडलाइन के मुताबिक, आबादी का निर्धारण राजस्व गांव या पंचायत पर नहीं बल्कि, एक निश्चित दायरे में रहने वाली आबादी को जोड़कर किया जाएगा। प्रदेश में डेढ़ किमी के दायरे में मौजूद बसावटों को एक साथ जोड़कर आबादी का निर्धारण किया जाएगा, जबकि अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे विकासखंड़ों में 10 किमी के दायरे में मौजूद बसावटों को जोड़कर आबादी का निर्धारण किया जाएगा। इसका लाभ उत्तराखंड जैसी छोटी बसावट वाले राज्य को मिलेगा।
“प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत छोटे-छोटे गांवों तक सड़क पहुंचाई जा रही है। अब आबादी के लिए क्लस्टर को मानक बनाने से उत्तराखंड की कम आबादी तक भी सड़क पहुंच पाएगी। पीएमजीएसवाई योजना के चौथे चरण में जल्द काम शुरू किया जाएगा।” – पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री
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