मसूरी स्थित भगवान शंकर आश्रम में वर्ष 2024 का आर्यम पुरस्कार महात्मा योगेश्वर विद्या मंदिर को दिया गया
बेबाक दुनिया ब्यूरो
देहरादून। मसूरी स्थित आर्यम इंटरनेशनल फाउंडेशन द्वारा संचालित भगवान शंकर आश्रम में रविवार को नववर्ष पर मनोकामनापूर्ति तथास्तु अनुष्ठान में देश-विदेश से श्रद्धालु शामिल हुए।

इस दौरान वर्ष 2024 का एक लाख रुपये का प्रतिष्ठित आर्यम पुरस्कार मसूरी के महात्मा योगेश्वर सरस्वती विद्या मंदिर को प्रदान किया गया। ट्रस्ट के संस्थापक एवं आश्रम के कुलप्रमुख जगद्गुरु प्रोफेसर पुष्पेन्द्र कुमार आर्यम महाराज ने हिंदू धर्म की विशालता और महत्व से अवगत कराया। कहा, हिंदू इकलौता धर्म है जिससे पंथ रूप सभी धाराएं निकली हैं। हिंदू धर्म की विविधता से ही कुंभ एवं अन्य पर्वों पर देश-विदेश से लाखों लोग भव्यता एवं दिव्यता का अनुभव करने आते हैं।

कहा, नित्य पूजा-पाठ हमारे जीवन को पूर्णरूपेण बदलने की क्षमता रखते हैं। आध्यात्मिकता का रास्ता चहुंओर जाता है। कहा, आप बिना धार्मिक हुए आध्यात्मिक नहीं हो सकते हैं। कहा, जो व्यक्ति आध्यात्मिक है, उसका जीवन संपूर्णता को लिए हुए है। इस अवसर पर विगत 2022 से प्रदत्त किए जाने वाला आर्यम इंटरनेशनल पुरस्कार इस वर्ष महात्मा योगेश्वर सरस्वती शिशु मंदिर मसूरी को प्रदान किया गया।

इस पुरस्कार के अंतर्गत सुपात्र व्यक्ति अथवा संस्था को एक लाख रुपये का चेक, अंगवस्त्र, प्रशस्तिपत्र, रुद्राक्ष माला प्रदान किए जाते हैं। पुरस्कार विद्यालय के अध्यक्ष मनमोहन कर्णवाल ने प्राप्त किया। उनके साथ संस्था प्रतिनिधि अशोक अग्रवाल, चंद्रप्रकाश गोदियाल, यशवंत अग्रवाल भी थे। डीडी नेशनल के सीनियर एडिटर अशोक श्रीवास्तव कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे। इस मौके पर श्रीवास्तव ने कहा, आज के युग में संस्कार क्रांति की जरूरत है।

कहा, मानव की पहचान उनके संस्कार ही हैं। वे कितने उच्च हैं ये उनके संस्कार ही दर्शाते हैं। आप अपने धर्म में कितने संबद्ध हैं, इसका प्रचार आपके संस्कारों से ही होता है। कार्यक्रम में ट्रस्ट की अधिशासी प्रवक्ता यामिनीश्री, सुनील कुमार आर्य, रमन सिंह, श्वेता जायसवाल, प्रतिभाश्री, उत्कर्ष सिंह, देवेंद्र गोला, सुनील कुमार, प्रीतेश आर्यम, राकेश रघुवंशी, संध्या रघुवंशी, चंद्रपाल शर्मा, सतवंत कौर, सुखजीत सिंह, सुखविंदर सिंह, अविनाश जायसवाल, हर्षिता आर्यम आदि मौजूद रहे।
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