रेल अधिकारियों और कार्यदाई कंपनी मेघा इंजीनियरिंग के इंजीनियरों ने जताई खुशी
बेबाक दुनिया ब्यूरो
देहरादून। पहाड़ों में रेल चलाने के सपने को शुक्रवार (11 अक्तूबर) को उस समय और पंख लग गए, जब ऋषिकेश से कर्णप्रयाग रेल परियोजना के पैकेज आठ में सुरंग निर्माण में सफलता मिली। यह सुरंग आरपार हो गई। जैसे ही सुरंग आरपार हुई, उसी वक्त निर्माण की कार्यदायी एजेंसी के इंजीनियरों और रेल अफसर खुशी से झूम उठे।

कार्यदयी संस्था के मुताबिक, ऋषिकेश से कर्णप्रयाग रेलवे परियोजना पैकेज आठ में सुरंग-15 की कामयाब सफलता के साथ एक प्रमुख मील के पत्थर पर पहुंच गई है। यह उपलब्धि रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) के तहत कार्यरत मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (एमईआईएल) और इटाल्फेर-लोम्बार्डी जेवी के संयुक्त प्रयासों से संभव हुई है।
बताया, सुरंग-15 की कुल लंबाई 7055 मीटर है और यह सुरंग ऋषिकेश से कर्णप्रयाग रेलवे मार्ग का एक महत्वपूर्ण घटक भी है। इस खंड को पूरा करना भौगोलिक दृष्टि से बहुत बड़ी चुनौती थी। कहा, हमारे इंजीनियरों की टीम ने गौचर नाले पर शून्य ओवरबर्डन से लेकर गौचर शहर के आवासीय क्षेत्र के नीचे से गुजरने तक की सभी चुनौतियों को पार कर लिया।
बताया, एमटी-पांच के लिए 2130 मीटर की दूरी तय करने का अभियान 6 जनवरी, 2022 को शुरू किया गया था। वहीं, एमटी-छह के लिए 570 मीटर की दूरी तय करने का अभियान 6 जून, 2022 को शुरू किया गया था। कुल मिलाकर अभियान 1008 दिनों में पूरा कर लिया गया। बताया, यह सफलता एक बड़ी उपलब्धि है, जो परियोजना को पूरा होने के करीब लाएगी और क्षेत्र में परिवहन नेटवर्क को बढ़ाएगी।
ये थी टीम
अजीत सिंह यादव सीपीएम, हेमेंद्र कुमार पीडी, उमेश डांगी, उप प्रबंधक, गुरपाल सिंह, वरिष्ठ साइट इंजीनियर, आरवीएनएल के वरिष्ठ साइट इंजीनियर सुजीत सिंह, सुभाष ठाकुर, हृदयानंद सिंह और एमईआईएल के परियोजना प्रबंधक आदि के साथ उनकी पूरी टीम।
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