भारतीय संस्कृति को जन-जन तक पहुंचाने की महत्वपूर्ण पहल है ज्योति कलश यात्रा : डॉ. पांड्या
बेबाक दुनिया ब्यूरो
देहरादून। ज्योति कलश यात्रा से जो जन जागरण का कार्य होने जा रहा, वह निश्चित ही एक बहुत बड़ा कार्य है। अपने मन में एक संकल्प हो कि ज्योति से ज्योति का जलाना है, देश और दुनिया को जगमगाना है।




यह बात शनिवार को देव संस्कृति विवि में आयोजित ज्योति कलश यात्रा सम्मेलन को संबोधित करते हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कही। कहा, आज पूरी दुनिया जलवायु परिवर्तन के भीषण दौर से गुजर रही है। जिसकी एक वजह हवन और यज्ञ का न होना है। हवन यज्ञ से जलवायु शुद्ध होती है। कहा, जिस परंपरा को हम छोड़ चुके हैं, उसे गायत्री परिवार फिर से आगे लाने का काम कर रही है।
कहा, गायत्री परिवार कई दशकों से व्यसन मुक्त भारत, पर्यावरण संरक्षण, कुरीति उन्मूलन और राष्ट्र सेवा जैसे कई कार्यक्रमों से समाज में जागरूकता लाने का कार्य कर रहा है। कलश यात्रा की जानकारी देते हुए प्रतिकुलपति डॉ. चिन्मय पण्ड्या ने कहा, कलश भारतीय संस्कृति का केंद्र बिंदु है। गायत्री परिवार के संस्थापक श्रीराम शर्मा आचार्य द्वारा चलाई गई ज्योति का अंश लेकर यह ज्योति कलश यात्रा जहां जाएगी, वहां लोगों को भारतीय संस्कृति से ओत-प्रोत कर चेतना को प्रखर बनाने का कार्य करेगी।
कहा, ज्योति कलश यात्रा का उदेश्य मनुष्य का भावनात्मक रूप से नवनिर्माण करना है। इस ज्योति से ऐसे प्रकाशवान व्यक्तित्व निखरकर सामने आएंगे जो समाज एवं दुनिया में फैले अंधकार को दूर करने में सक्षम होंगे। उधर, तीन दिवसीय सम्मेलन राजस्थान, पश्चिम बंगाल, असम, अरुणाचल आदि प्रांतों से 1,200 से अधिक गायत्री परिवार के साधक प्रतिभाग कर रहे हैं।
कार्यक्रम में देव संस्कृति इंट्रडिसीप्लिनरी इंटरनेशनल जनरल, गायत्री महाविज्ञान बंगला संस्करण एवं ज्योति कलश प्रज्ञा गीतों तथा डॉक्यूमेंट्री का विमोचन किया गया। लोकसभा अध्यक्ष व कुलपति व प्रतिकुलपति ने राजस्थान, पश्चिम बंगाल, असम व अरुणाचल प्रदेश से आए गायत्री साधकों को ज्योति कलश सौंपे।
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