राहत और बचाव दल ने पांच कंटेनरों को ट्रेस किया, अत्यधिक बर्फ होने से तीन कंटेनरों का नहीं चला पता


कंटेनरों की तलाश के लिए सेना के स्निफर डॉग्स भी तैनात, सेना की तीन टीमें कर रहीं सघन पेट्रोलिंग
बेबाक दुनिया ब्यूरो
देहरादून। शुक्रवार को सुबह पांच बजे बदरीनाथ धाम के पास माणा गांव और माणा पास के बीच सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के कैंप के नजदीक हुए हिमस्खलन के दौरान चपेट में आए 55 मजदूरों में से 50 का रेस्क्यू कर लिया गया, जिनमें चार की मौत हो गई, जबकि पांच की तलाश की जा रही है।



उधर, हिमस्खलन की चपेट में आकर आठ कंटेनर भी फंस गए थे, जिनमें से शनिवार को पांच कंटेनरों को ट्रेस करने में राहत और बचाव दलों को सफलता मिली है। अत्यधिक बर्फ होने के कारण तीन कंटेनर ट्रेस नहीं हो पा रहे हैं। सेना और आईटीबीपी इन कंटेनरों का पता लगाने के लिए युद्धस्तर पर प्रयास कर रहे हैं। सेना के स्निफर डॉग्स की भी तैनाती की गई है। इसके अलावा सेना की तीन टीमें भी सघन पेट्रोलिंग कर रही हैं।



शुक्रवार को सुबह पांच बजे बीआरओ कैंप के पास हिमस्खलन होने 55 मजदूर चपेट में आ गए थे। सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों ने रेस्क्यू कर 33 मजदूरों को ढूंढ निकाला था, लेकिन बर्फबारी के चलते रेस्क्यू रोक दिया गया था। शनिवार को फिर बचाव दल ने रेस्क्यू अभियान चलाया और 17 मजदूरों का और रेस्क्यू किया, जिसमें से चार की मौत हो गई, जबकि पांच लोगों की तलाश जारी है।



सैलानियों से अभी ऊंचाई वाले क्षेत्रों में यात्रा न करने की सीएम की अपील






सीएम धामी ने कहा, अत्यधिक बर्फबारी के कारण हिमस्खलन की संभावनाओं के मद्देनजर औली, हर्षिल आदि ज्यादा ऊंचाई वाले क्षेत्रों में रह रहे सैलानियों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जाएगा। सीएम ने सैलानियों से अगले तीन दिन इन क्षेत्रों में यात्रा न करने की अपील की। साथ ही प्रशासन को सुरक्षा के दृष्टिगत सभी जरूरी एहतियात बरतने के निर्देश दिए।



सीएम ने किया हवाई सर्वेक्षण, कहा- अलकनंदा नदी का जम रहा पानी


हिमस्खलन के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हेलिकॉप्टर से हवाई सर्वे के साथ ही पीड़ितों से मुलाकात भी की। पीएम मोदी ने धामी से बात कर राहत और बचाव की जानकारी ली। धामी ने कहा, हवाई सर्वेक्षण के दौरान आभास हुआ कि भारी बर्फबारी से अलकनंदा नदी जम सी गई है। अफसरों को निर्देश दिए कि रेकी कर जांच करें कि खतरा तो नहीं है। सीएम ने विशेषज्ञ संस्थानों को भी जरूरी कार्रवाई करने और खतरे की स्थिति में सुरक्षात्मक कदम उठाने के निर्देश दिए।

“घायल श्रमिकों के इलाज के लिए सभी व्यवस्थाएं की गई हैं। माणा, ज्योतिर्मठ में सेना के अस्पताल में घायल श्रमिकों का उपचार हो रहा है। एम्स ऋषिकेश और श्रीनगर मेडिकल कॉलेज के साथ ही स्थानीय सीएचसी और पीएचसी को अलर्ट पर रखा गया है। गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी श्रमिकों की सुरक्षित निकासी के लिए चिंतित हैं और नियमित अपडेट ले रहे हैं। केंद्र सरकार का सहयोग के लिए पीएम, गृह मंत्री और रक्षा मंत्री का आभार।” – पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री



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