कहा, अनुसूचित समाज की बाहुल्यता वाले क्षेत्रों में महान समाज सुधारकों के नाम पर बहुउद्देशीय भवन बनाए जाएंगे
बेबाक दुनिया ब्यूरो
देहरादून। आने वाली पीढ़ी को अनुसूचित समाज का उद्धार करने वाले समाज सेवकों के जीवन चरित्र और इतिहास के साथ-साथ भारतीय संविधान के बारे में जानकारी देने के लिए हरिद्वार में बाबा साहब समरसता स्थल का निर्माण किया जाएगा।
उपरोक्त घोषणा के साथ दो अन्य घोषणा उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने धर्मनगरी हरिद्वार के भेल स्थित केंद्रीय विद्यालय परिसर में आयोजित यूसीसी आभार सम्मेलन में सोमवार को की। एलान किया कि अनुसूचित समाज बहुल क्षेत्रों में देश के महान समाज सुधारकों के नाम पर बहुउद्देशीय भवन बनाए जाएंगे। साथ ही अनुसूचित समाज के कल्याण संबंधी योजनाओं व अधिकारों के प्रति आने वाली पीढ़ी को जागरूक करने के उद्देश्य से कई स्कूलों और कॉलेजों में विशेष जन जागरूकता कार्यक्रम अनुसूचित जाति आयोग के माध्यम से आयोजित किए जाएंगे।
कहा, कार्यक्रम के आयोजन के लिए डॉ. बीआर आंबेडकर महामंच सहित सभी संस्थाओं और आयोजकों का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। कहा, बाबा साहब भीमराव आंबेडकर का संपूर्ण जीवन ही उनका संदेश है। वे एक ऐसे युगद्रष्टा थे जिन्होंने गुलाम भारत में जन्म लेकर भी ज्ञान और संकल्प के द्वारा न केवल स्वयं के जीवन को बदला, बल्कि करोड़ों वंचितों, शोषितों और पीड़ितों को न्याय की राह दिखाई। समाज के वंचित वर्गों को मुख्यधारा में लाने के लिए किया गया उनका संघर्ष एक मिसाल है।
कहा, बाबा साहब ने ऐसे भारत की परिकल्पना की, जिसमें सभी वर्गों को समान अधिकार, समान अवसर और समान गरिमा प्राप्त हो। कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में हमारी सरकार ने राज्य में समान नागरिक संहिता को लागू कर बाबा साहब के सपनों के भारत के निर्माण की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाकर बाबा साहेब को सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित की है। कहा, बाबा साहब जानते थे कि भारतीय समाज के लिए समान नागरिक संहिता बहुत जरूरी है। उनका मत था कि सभी नागरिकों के लिए एक समान कानून होना चाहिए।
कहा, समान नागरिक संहिता का उद्देश्य सभी नागरिकों के लिए एक समान और न्यायसंगत कानूनी व्यवस्था सुनिश्चित करना है। कहा, राज्य में यूसीसी लागू होने के बाद महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में जो एक नए युग की शुरुआत हुई, उसकी प्रेरणा बाबा साहब के विचार ही हैं। यूसीसी से उत्तराखंड की मुस्लिम बहन-बेटियों को हलाला, इद्दत, बहुविवाह, बाल विवाह और तीन तलाक जैसी कुरीतियों से मुक्ति मिली है।
कहा, यूसीसी लागू होने के बाद अब किसी भी महिला को उत्तराधिकार या संपत्ति के अधिकार में भेदभाव का सामना नहीं करना पड़ेगा। कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, और सबका प्रयास के मूलमंत्र के साथ राष्ट्र के नवनिर्माण में जुटे हैं। कहा, प्रधानमंत्री की नीतियों और कार्यशैली में बाबा साहब के विचारों की गूंज साफ सुनाई देती है।
कहा, 26 नवंबर 1949 को जिस दिन बाबा साहब ने देश को संविधान सौंपा था, उस दिन को मोदी सरकार ने संविधान दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लेकर संविधान निर्माताओं को सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित की। साथ ही बाबा साहब की स्मृतियों से जुड़े प्रमुख स्थलों को राष्ट्र चेतना के पंच तीर्थों के रूप में विकसित कर उनके विचारों को नई पीढ़ी तक पहुंचाने का अभूतपूर्व कार्य मोदी सरकार ने किया।
कहा, देश में पहले से चले आ रहे दलित उत्पीड़न कानून 1989 को प्रधानमंत्री मोदी ने संशोधित कर और अधिक सख्त बनाया है। कहा, आजादी के बाद लंबे समय तक देश पर शासन करने वाली कांग्रेस ने पिछड़ों और वंचितों के उत्थान के नाम पर केवल खोखले नारे दिए, लेकिन उनके कल्याण और सशक्तिकरण के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया। कांग्रेस ने बाबा साहब को उनके जीवनकाल में कभी उचित सम्मान नहीं दिया, यहां तक कि उन्हें चुनाव में हराने के लिए कांग्रेस के शाही परिवार ने भी साजिश रची।
कहा, कांग्रेस ने हमेशा अनुसूचित समाज को केवल और केवल एक वोटबैंक की भांति इस्तेमाल किया है। कहा, आज कांग्रेस शासित राज्यों में अनुसूचित जाति और जनजाति समाज के आरक्षण में सेंध लगाने तक की कोशिश हो रही है, और उसे अपने लाडले समाज को देने का प्रयास किया जा रहा है, पर कांग्रेस की अब दाल गलने वाली नहीं है, क्योंकि आज देश में मोदी जैसा वंचित समाज से उभर कर आया एक मजबूत नेतृत्व है।
कहा, हमारी सरकार द्वारा अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के बच्चों के शैक्षिक उत्थान हेतु जहां एक ओर कक्षा एक से 12वीं तक के बच्चों को छात्रवृत्ति प्रदान की जा रही, वहीं निशुल्क 15 छात्रावास, पांच आवासीय विद्यालय और टी। आईटीआई का भी संचालन किया जा रहा है। साथ ही, प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए कोचिंग की निशुल्क व्यवस्था की गई है और युवक-युवतियों को प्रतिमाह छात्रवृत्ति भी प्रदान की जा रही है।
कहा, प्रदेश में अटल आवास योजना को पुनः प्रारंभ करते हुए अनुसूचित वर्ग के आवासहीन परिवारों को घर बनाने के लिए एक लाख 20 हजार रुपये की सहायता राशि प्रदान करने की व्यवस्था भी की है। साथ ही अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के परिवारों की बेटियों के विवाह हेतु भी 50 हजार रुपये की अनुदान राशि प्रदान की जा रही है। कहा, राज्य सरकार देवभूमि के सांस्कृतिक मूल्यों और डेमोग्राफी को संरक्षित रखने के प्रति भी पूर्ण रूप से संकल्पबद्ध है।
More Stories
ग्यारहवें ज्योर्तिलिंग बाबा केदार के कपाट खुले
गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट अक्षय तृतीया पर खुले
दून-सहारनपुर-मोहण्ड @ टनल रेल लाइन की गुजारिश